भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ने उठाई मांग, पीएम को भेजा ज्ञापन–
गोपेश्वरः देश से छूआछूत समाप्त करने और एक सशक्त समाज की स्थापना के लिए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले और बालिका शिक्षा के लिए स्कूल की स्थापना करने वाली माता सावित्री बाई फुले के जन्म जयंती को समाज ज्योति दिवस और राष्ट्रीय शिक्षा ज्योति दिवस के रुप में मनाने की मांग उठी है।
भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जसवंत लाल ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भी भेजा है। उन्होंने कहा कि तीन जनवरी को माता सावित्री बाई फुले की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा ज्योति दिवस और 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती को समाज ज्योति दिवस के रुप में मनाया जाए। उन्होंने कहा कि माता सावित्री बाई फुले ने वर्ष 1848 में बालिकाओं के लिए सर्वप्रथम स्कूल की स्थापना की, जो कि उस दौर में एक साहसिक और क्रांतिकारी कार्य था।
जबकि महात्मा ज्योतिबा फुले ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर भगाने में अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया था। ज्योतिबा बहुत बुद्घिमान थे, वे महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक और दार्शनिक थे। उन्होंने समाज को छूआछूत को दूर भगाकर समाज में शिक्षा का उजियारा फैलाया।