पढ़ें, क्या है मामला, ग्रामीणों ने मंदिर संचालन पर उठाए सवाल–
गोपेश्वरः माणा गांव में बह रही सरस्वती नदी के किनारे निर्मित सरस्वती मंदिर के मंडप में स्थापित मूर्तियों और इसके संचालन को लेकर ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज की है। मामला एसडीएम जोशीमठ कार्यालय तक जा पहुंचा है।
साल 2009 में एमआईटी विश्व शांति विश्वविद्यालय पुणे के संस्थापक और चांसलर प्रो. विश्वनाथ कराड ने माण गांव में सरस्वती नदी के किनारे सरस्वती मंदिर के जीर्णोद्घार और मंदिर के देखरेख का संकल्प लिया था। वर्ष 2021 में यहां मंदिर का भव्य निर्माण किया गया। मंदिर में मां सरस्वती के अलावा विभिन्न विभूतियों की प्रतिमा भी स्थापित की गई। यहां तक तो ठीक था, लेकिन अब बताया जा रहा है कि मंदिर का संचालन भी प्रो. कराड़ की ओर से किया जा रहा है।
दानपात्र से लेकर पंडित तक की व्यवस्था वे स्वयं करेंगे, इसका माणा गांव के ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। ग्राम प्रधान पीतांबर मोल्फा का कहना है कि सरस्वती मंदिर के हक-हकूकधारी माणा गांव के ग्रामीण हैं। उन्होंने मंदिर का संचालन और रख-रखाव ग्राम पंचायत को दिए जाने की मांग की है।
माणा गांव की महिला मंगल दल अध्यक्ष माहेश्वरी देवी, दमयंती, बीना, कमला आदि ने मंदिर में सरस्वती माता के अलावा कोई भी अन्य मूर्तियां स्थापित न करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में एसडीएम जोशीमठ को ज्ञापन सौंपकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।