ठंड बढ़ने से लौटने लगे भोटिया जनजाति के ग्रामीण– 

by | Oct 28, 2022 | चमोली, मौसम | 0 comments

इस बार जबरदस्त कारोबार से गदगद हैं माणा गांव के ग्रामीण, अब अगले सीजन की तैयारी में जुटे–

चमोलीः उच्च हिमालय क्षेत्रों में बर्फबारी होने के बाद ऊंचाई वाले क्षेत्रों के गांवों में ठंड भी बढ़ने लगी है, जिससे नीती और माणा गांव के ग्रामीण जनपद में अपने निचले क्षेत्रों के गांवों में लौटने लगे हैं। इस बार बदरीनाथ धाम में उमड़ी तीर्थयात्रा से माणा गांव का ऊन का कारोबार भी जबरदस्त रहा, जिससे ग्रामीण गदगद हैं।  

माणा गांव के ग्रामीण शीतकाल में गोपेश्वर के समीप घिंघराण गांव में निवास करते हैं, जबकि नीती घाटी के गांवों के ग्रामीण देवलीबगड़, छिनका, नैग्वाड़, सेलवानी, सिरोखोमा, भीमतला, नंदप्रयाग, तेफना आदि गांवों में में निवास करते हैं।

ग्रीष्मकाल में इन गांवों के भोटिया जनजाति के ग्रामीण अपनी भेड़ों से ऊन निकालते हैं और शीतकाल में इस ऊन से गर्म कपड़ों का निर्माण करते हैं। इन कपड़ों को ग्रामीण बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा शुरू होते ही तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को उपलब्ध कराते हैं। मलारी गांव के देव सिंह का कहना है कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने से कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है, जिससे ग्रामीण अब निचले क्षेत्रों की ओर लौटने लगे हैं।

इस बार बदरीनाथ धाम में रिकॉर्ड तीर्थयात्री पहुंचे। इसका फायदा माणा गांव को भी हुआ। बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा कर अधिकांश तीर्थयात्री यहां से तीन किलोमीटर दूर माणा गांव के सैर-सपाटे पर पहुंचते हैं। माणा गांव में व्यास गुफा, भीम पुल, सरस्वती नदी, वसुधारा आदि दर्शनीय स्थल हैं। ग्रामीण गांवों में ऊनी कपड़ों की जमकर खरीदारी करते हैं। माणा गांव की बीना बढ़वाल का कहना है कि इस बार ऊनी कपड़ों की जमकर बिक्री हुई। 

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