गुप्तकाशी नेताओं के गढ़ में, प्राइमरी स्कूल नहीं है जड़ में–स्वर्गीय नरेंद्र जमलोकी के इस लेख से घूमा था विकास का पहिया–

by | Aug 22, 2021 | चमोली, सामाजिक कार्य | 0 comments

जोशीमठ। पत्रकार, समाजसेवी, साहित्यकार और सर्वोदयी विचारक नरेंद्र दत्त जमलोकी का अचानक निधन हो गया है। मंदाकिनी नदी किनारे मंदाकिनी नदी के पैतृक घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। केदार घाटी के रविग्राम में 4 सितंबर 1933 को ब्रह्मानंद जमलोकी व शारदा देवी के घर जन्मे नरेंद्र दत्त जमलोकी का पूरा जीवन समाज हित में बीता। 1963 में उन्होंने भारतीय सर्वोदय सम्मेलन रायपुर में विनोवा भावे का सानिध्य पाकर ब्रह्मश्चर्य व्रत लिया। उन्होंने पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदर लाल बहुगुणा, चंडी प्रसाद भट्ट और मान सिंह रावत के साथ गढ़वाल समेत देश के कई हिस्सों में पदयात्राएं की। स्वर्गीय नरेंद्र जमलोकी निर्भीक पत्रकार, सच्चे समाजसेवी तथा साहित्य कार थे। जोशीमठ में शैलजा दर्शन अखबार के उप संपादक रहे सुरेंद्र सिंह भिलंगवाल बताते हैं कि 1968-69 में वे स्वर्गीय नरेंद्र दत्त जमलोकी की ओर से भेजे समाचारों को प्रमुखता से प्रकाशित करता था। आपतकाल के दौरान शैलजा दर्शन में उन्होंने एक लेख लिखा कि- गुप्तकाशी नेताओं के गढ़ में- प्राइमरी स्कूल नहीं है जड़ में। जब यह खबर प्रकाशित हुई तो स्वर्गीय जमलोकी जी बहुत प्रभावित हुए। उन्होंने यह समाचार स्व नरेंद्र सिंह भंडारी, गंगाधर मैथाणी , प्रताप सिंह पुष्पवाण, गबर सिंह जगवाण आदि नेताओं को दिखाया, तो क्षेत्र में विद्यालय व अन्य सुविधाएं मिली। वे पत्रकारिता के साथ ही समाज सेवा के प्रति हमेशा समर्पित रहे। संस्कृत विद्यालय त्रियुगीनारायण, जवाहर नवोदय विद्यालय बणसू और पीजी कॉलेज गोपेश्वर की स्थापना में स्वर्गीय नरेंद्र दत्त जमलोकी का विशेष योगदान रहा।  

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