आक्रोश: संस्कृत महाविद्यालयों के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही सरकार–

by | Nov 20, 2023 | आंदोलन, चमोली | 0 comments

संस्कृत महाविद्यालयों की वित्तीय मान्यता हटाने के शासनादेश पर प्रदेशभर में ​शिक्षक​शिक्षकों व छात्रों में उबाल, आंदोलन की तैयारी–

चमोली:उत्तराखंड के संस्कृत महाविद्यालयों के लिए शासन के नये आदेश दिनाँक 16 अक्टूबर 2023 एवं 23 अक्टूबर 2023 में संस्कृत महाविद्यालयों की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण से संस्कृत महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं छात्रों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है, जिससे संस्कृत महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विगत 100 वर्षों से चल रहे संस्कृत महाविद्यालयों के लिए शासन से इस प्रकार का आदेश जारी करना संस्कृत जगत/ सनातन प्रेमियों/ सन्त समाज के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है, इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठता है कि सरकार बोलती कुछ है और करती कुछ है । जैसे- उदाहरणार्थ- संस्कृत महाविद्यालयों के 38 नियमित शिक्षकों को उच्च शिक्षा सेवा लाभ सम्बन्धी आलेख्य (GO) तत्कालीन संस्कृत शिक्षा सचिव आर0 मीनाक्षी सुन्दरम जी द्वारा हस्ताक्षरित 13 मई 2022 को वित्त विभाग से वैट हो चुका(वित्त संख्या अंकित हो चुकी है)

लेकिन संस्कृत प्रेमी सरकार द्वारा इसको कैबिनेट/विचलन के माध्यम से संस्कृत हित में पारित प्रस्ताव के क्रम में 13 मई 2022 को वित्त विभाग से स्वीकृति प्राप्त होने के बाद भी अद्यतन शासनादेश जारी नहीं किया गया है, बल्कि सभी संस्कृत महाविद्यालयों को उत्तरमध्यमा स्तर का कर दिया है इसका आदेश भी जारी हो चुका है। इससे भी संस्कृत प्रेमी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े होते हैं कि संस्कृत महाविद्यालयों को बनाने के बजाय इन संस्कृत महाविद्यालयों को उत्तरमध्यमा तक के विद्यालय बनाया गया है। जबकि संस्कृत महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय परिनियमावली 2007,2009 एवं 2011 के भाग – 3 उपनियम 7.4 में धारित उच्च शिक्षा योग्यता अनुसार निदेशालय से विधिवत हुई है और इन्ही शिक्षकों के द्वारा महाविद्यालय में शास्त्री/ आचार्य कक्षाओं के अध्यापन किया जा रहा है।

श्री बदरीनाथ -केदारनाथ कर्मचारी संघ के पूर्व सचिव एवं वर्तमान वरिष्ठ सदस्य श्री अरविन्द प्रकाश पन्त ने सरकार से अनुरोध किया है कि यथाशीघ्र संस्कृत महाविद्यालयों के लिए स्पष्ट शासनादेश जारी करें, जिससे शास्त्री/ आचार्य कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का भविष्य प्रभावित न हो, साथ ही श्री अरविन्द प्रकाश पन्त ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो संस्कृत विद्यालय 100 वर्षों से भी पहले से चल रहें है उन संस्कृत विद्यालयों की वित्तिय स्वीकृति वर्तमान सरकार पूर्वमध्यमा(कक्षा 10) एवं प्रथमा (कक्षा 8) की मान रही है,

पूर्व से इन संस्कृत विद्यालयों से कार्यरत प्रधानाचार्य उत्तरमध्यमा(कक्षा 12)स्तर के वेतन ग्रेड 7600 पर नियुक्ति हुई है और सेवानिवृत्त हो गये हैं और कुछ प्रधानाचार्य 7600 ग्रेड पे ले रहे हैं। सरकार के द्वारा दिनांक 16 अक्टूबर 2023 एवं 23 अक्टूबर 2023 को जो आदेश जारी किया है उसको शीघ्र वापस लिया जाय नहीं तो संस्कृत प्रेमियों एवं संस्कृत संगठनों को आंदोलन करने पर बाध्य होना पड़ेगा। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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