चमोली। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना के सख्त रवैये के बाद अब सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत या निर्माणाधीन सड़कों के कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। शुक्रवार को जिलाधिकारी ने लोनिवि, पीएमजीएसवाई और वन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए सड़क निर्माण हेतु वन भूमि हंस्तातरण के लंबित मामलों समीक्षा की। उन्होंने सभी डिविजनों को वन भूमि हस्तांतरण मामलों में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए। हिदायत दी कि सड़कों का कोई भी प्रकरण विभागीय स्तर पर लंबित न रहे। जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई पोखरी के अधिशासी अभियंता के बैठक में मौजूद न होने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़कों के जो भी प्रकरण ऑनलाइन किए जाने है उनको तत्काल ऑनलाइन करना सुनिश्चित करें। जिन सड़कों की स्वीकृति मिल चुकी है, उनमें तत्काल वनभूमि हंस्तातरण की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। विभिन्न स्तरों से जिन प्रकरणों पर आपत्तियां लगी है उनका संबंधित डिविजन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से शीघ्र निराकरण करें। वन विभाग द्वारा रिजेक्ट किए गए सीए लैंड के मामलों में भी त्वरित कार्यवाही की जाए। जिन सड़कों की सैद्वान्तिक स्वीकृत मिल चुकी है, उनकी वित्तीय स्वीकृति के लिए शासन स्तर पर व्यक्तिगत प्रयास करना सुनिश्चित करें। जिन सड़कों में विधिवत स्वीकृति मिल चुकी है उन पर शीघ्र निर्माण कार्य शुरू कराया जाए। ताकि जल्द से जल्द सड़कों का निर्माण हो सके।
लोनिवि, पीएमजीएसवाई, बिडकुल के पास स्टेज-1 की स्वीकृति के लिए 35 प्रकरण विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। जिसमें विभागीय स्तर पर 20, प्रभाग में 2, वन संरक्षक स्तर पर 5, नोडल स्तर पर 01, शासन स्तर पर 1 तथा भारत सरकार के पास 04 सड़कों के प्रकरण लंबित है। जबकि 66 सड़कों पर सैद्वान्तिक स्वीकृति मिल चुकी है। बैठक में डीएफओ केदारनाथ अमित कंवर, अपर जिलाधिकारी हेमंत वर्मा सहित लोनिवि, पीएमजीएवाई, बिडकुल के विभिन्न डिविजनों के अधिशासी अभियंता मौजूद थे। जिलाधिकारी ने गुणवत्ता के साथ सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण करने, निर्मित सड़कों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने और समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।