जोशीमठ। जोशीमठ-मलारी राज्य मार्ग के अवरूद्घ होने से पिछले 16 दिनों से नीती घाटी के 14 गांवों के करीब 400 ग्रामीण अपने गांवों में ही कै होकर रह गए हैं। ग्रामीणों का दिन मलारी, बांपा और नीती गांव के पंचायती चौक में बैठकर मलारी हाईवे की दुर्दशा पर चर्चा करने में बीत रहा है। ग्रामीण सड़क के जल्दी खुलने और घाटी को आपदा की काली छाया से बचाने के लिए देवी-देवताओं की पूजा अर्चना भी कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शासन-प्रशासन की उदासीनता के कारण हाईवे जल्दी नहीं खुल रहा है। रविवार को नीती घाटी के गांवों में जरुरी दवाईयों की सप्लाई के लिए रविवार को घाटी में हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन किया गया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मलारी में दवाईयों का भंडारण कर दिया गया है। नीती घाटी में संचार सेवा के नाम पर जीओ की मोबाइल सेवा तो सुचारू कर ली गई है, लेकिन विद्युत सेवा अभी तक भी बहाल नहीं हो पाई है। अंधेरा होने के कारण रात को जंगली जानवर भी गांवों की ओर आ रहे हैं, जिससे ग्रामीण जंगली जानवरों की डर से शाम होते ही अपने घरों में कैद हो रहे हैं।