पानी के लिए भी तरसे पर्यटक और श्रद्धालु, पुंग और ल्वींठी बुग्याल में भी सभी अस्थाई दुकानें बंद, वन विभाग की कार्रवाई का तीर्थयात्रियों ने भी किया विरोध–
गोपेश्वर (चमोली): रुद्रनाथ ट्रैक पर पिछले पंद्रह बीस सालों से अस्थाई ढाबे चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे स्थानीय ग्रामीणों के ढाबों को केदारनाथ वन विभाग की ओर से हटाए जाने के विरोध में सोमवार को पुंग से लेकर रुद्रनाथ तक सभी अस्थाई ढाबे व छानियाें का संचालन बंद कर दिया है। रुद्रनाथ की तीर्थयात्रा पर जा रहे पर्यटक और श्रद्धालु पानी के लिए भी तरस रहे हैं। उन्हें 19 किलोमीटर के लंबे ट्रेक पर दिनभर खाना तक नहीं मिल रहा है। तीर्थयात्री पैदल रास्ते से वीडियो बनाकर भेज रहे हैं।
इस संबंध में यदि वन विभाग ने जल्द संज्ञान नहीं लिया तो तीर्थयात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। चमोली जिला प्रशासन को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। रुद्रनाथ ट्रैक पर अपना व्यवसाय चलाने वाले जगत सिंह नेगी, दिलवर सिंह भंडारी, किशन सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह बिष्ट, जगमोहन बिष्ट, अब्बल बजवाल, देवेंद्र बजवाल, कुंवर सिंह नेगी, मुकेश, अमित आदि प्रभावित दुकानदारों ने कहा कि वे पिछले 15-20 सालों से रुद्रनाथ ट्रैक पर अपना अस्थाई व्यवसाय चला रहे हैं,
वन विभाग की यह कार्रवाई सही नहीं है। यह एकतरफा कार्रवाई है। उन्होंने जल्द हटाए ढाबों को फिर से संचालित करने की मांग उठाई है। अन्यथा आंदोलन तेज कर लिया जाएगा। रुद्रनाथ ट्रैक पर ग्वाड़, सगर, गंगोलगांव, कुजौंमैकोट गांव के ग्रामीण छानियों व ढाबे संचालित करते हैं।