सिद्घपीठ कुरुड़ मंदिर में स्थपित हुई दशोली और बधाण की मां नंदा–

by | Aug 30, 2021 | आस्था, चमोली | 0 comments

चमोली। मां नंदा के सिद्घपीठ कुरुड़ से मां नंदा की लोकजात यात्रा का श्रीगणेश हो गया है। सोमवार को विधि-विधान से दशोली और बधाण की मां नंदा की डोलियां कुरुड़ मंदिर परिसर में स्थापित कर दी गई हैं। मंगलवार को अपने भक्तों के साथ मां नंदा की डोलियां अलग-अलग यात्रा पड़ावों से होते हुए कैलाश के लिए विदा हो जाएंगी। विभिन्न गांवों में भी मां नंदा की छं‌तोलियां कैलाश जाने के लिए तैयार हो गई हैं।  

चमोली जनपद में मां नंदा की लोक जात का ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष महातम्य है। स्थानीय लोग मां नंदा को अपनी ध्याण (विवाहित बेटी) के रूप में पूजते हैं। जिससे लोगों में लोकजात को लेकर उत्साह का माहौल बना रहता है। लोकजात में शामिल होने के लिए क्षेत्र की ध्याणियां भी मां नंदा से मिलने के लिए अपने मायके पहुंच जाती हैं। सोमवार को मंदिर के मुख्य पुजारी मुंशी चंद्र, प्रकाश गौड़, योगेश्वर प्रसाद, विजय प्रसाद और मनोहर प्रसाद और मंदिर समिति के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ ने मां नंदा की श्रृंगार पूजा व अन्य पूजाएं संपन्न की। कुरुड़ मंदिर समिति के अध्यक्ष मंशाराम गौड़ ने बताया कि मंगलवार को बधाण की मां नंदा की डोली अपने भक्तों के साथ रात्रि प्रवास के लिए ग्राम पंयायत चरबंग पहुंचेगी। इसके बाद डोली मथकोट, कुमजुग, उस्तोली, सरपाणी, लांखी, भेंटी, बंगाली, सोल डुंगरी गांव होते हुए 13 सितंबर को बेदनी बुग्याल पहुंचेगी। यहां मां नंदा की विशेष पूजाएं संपन्न होंगी। इसके बाद मां नंदा अपने ननिहाल थराली विकास खंड के देवराड़ा गांव में छह माह तक प्रवास करेगी, जब‌कि दशोली क्षेत्र की मां नंदा की डोली ग्राम पंचायत फरखेत, जाखणी, सेरा, चमसोली, कमेड़ा, नौना-बनाला,‌ थिरपाक, नंदप्रयाग, राजबगठी, भेरणी, मटई, पगना, लुंतरा, सुंग, ल्वाणी, रामणी गांव होते हुए 13 सितंबर को बालपाटा पहुंचेगी। यहां पूजा-अर्चना के बाद डोली कुरुड़ मंदिर में स्थापित कर दी जाएगी। भागवत सिंह बिष्ट, राकेश गौड़, मोहन प्रसाद, भगवान सिंह, सुजान सिंह के साथ ही  मंदिर परिसर में कई भक्तगण मौजूद रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार मंदिर में कम ही लोग जुटे। 

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