गौचर: 8वीं वाहिनी आईटीबीपी के अ​धिकारियों और जवानों ने धूमधाम से मनाया विश्व पर्यावरण दिवस–

by | Jun 5, 2024 | चमोली, पर्यावरण | 0 comments

कैंपस में किया पौधरोपण, सेनानी अतुल कुमार थवाईत ने किया हिमवीरों को संबो​धित, महिला सदस्यों ने भी निभाया फर्ज–

गौचर (चमोली): 8वीं वाहिनी, आईटीबीपी के सेनानी अतुल कुमार थवाईत के कुशल नेतृत्व एवं निर्देशन में व्यापक स्तर पर विश्व पर्यावरण दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर अतुल कुमार थवाईत, सेनानी उपस्थित रहे। इस दौरान अधिकारियों एवं हिमवीर जवानों के द्वारा वाहिनी कैम्पस में वृक्षारोपण किया गया।

वृक्षारोपण कार्यक्रम के उपरान्त अतुल कुमार थवाईत, सेनानी द्वारा उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण का हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है, पर्यावरण के बिना मानव का भविष्य सुरक्षित नहीं रह सकता है। पर्यावरण से ही हमारा अस्तित्व है अर्थात पर्यावरण से ही हम बने है ना कि हमसे पर्यावरण बना है। लेकिन बड़ी ही विडंबना की बात है कि आज मानव स्वयं तक ही सीमित रह गया है आज आधुनिक युग में मानव दिन दोगुनी व रात चौगुनी रफ्तार से जीवन में प्रगति कर रहा है लेकिन मानव तनिक भी पर्यावरण की चिंता नहीं कर रहा है अर्थात आज हर वैश्विक मानव आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है और इसी के चलते ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।

जो कि विश्व समुदाय के लिए बड़ा ही चिंता का विषय है। आज मानव व विज्ञान की प्रगति आसमान को छू रही है परन्तु इसी रफ्तार से पर्यावरण को क्षति भी पहुँच रही है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वावधान में ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी26 में वैश्विक नेताओं को संबोधित करते हुए आह्वान किया है कि हमें वैश्विक स्तर पर यह प्रण करना होगा कि हमें सामुदायिक तौर पर हमें पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली का निर्माण करना होगा ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रख सकें।

सेनानी द्वारा कैम्पस को प्लास्टिक मुक्त करने व दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने हेतु भी प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में हिमवीर परिवार की महिला सदस्यां ने भी पौधरोपण में उत्साह के साथ प्रतिभाग किया। ज्ञातव्य रहे कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के द्वारा सामुदायिक जागरूकता उत्पन्न करने हेतु समय-समय पर राष्ट्रीय महत्व के विविध कार्यक्रम सम्पन्न करवाये जाते रहे हैं।

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