तेजपत्ता बनेगा अब उत्तराखंड की पहचान, तेजपत्ते को मिली जीआई टैग की मान्यता–

by | Aug 31, 2021 | चमोली, व्यवसाय | 0 comments

गोपेश्वर। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने वाले औषधीय पौधों को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को गोपेश्वर डाकघर में उत्तराखंड तेजपत्ता पर ‌एक विशेष लिफाफे का विमोचन किया गया। जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान मंडल, गोपेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. विजय भट्ट ने लिफाफे का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि तेजपत्ता को उत्तराखंड राज्य के जियोग्राफिकल इंडीकेशन टैग (जीआई टैग) की मान्यता मिल गई है। उन्होंने बताया कि जीआई टैग किसी राज्य को उसकी विशिष्टता के आधार पर तैयार उत्पाद पर मिलता है। राज्य को उसकी विशिष्टता के आधार पर तैयार उत्पाद पर जीआई टैग प्रदान किया जाता है। उत्तराखंड में तेजपत्ता के 10 हजार काश्तकार पंजीकृत हैं, जो वर्षभर में सात से 10 क्विंटल तेजपत्ता का उत्पादन करते हैं। इससे राज्य को 3 से 4 करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त होता है। तेजपत्ता का बाजार भाव 40 से 60 रूपये प्रति किग्रा है। उत्तराखंड में मीठा तेजपत्ता पाया जाता है, जिससे उच्च गुणवत्ता की इवाईयां बनाई जाती हैं। डाक अधीक्षक जीडी आर्य ने कहा कि भारत सरकार के निर्देश पर तेजपत्ता पर विशेष डाक लिफाफा जारी किया गया है। इससे उत्तराखंड के औषधीय पादपों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर सहायक डाक अधीक्षक बीपी थपलियाल, डाकघर निरीक्षक हेमंत यादव, अजय कुमार, रुद्रप्रयाग के डाक निरीक्षक महेश प्रसाद,  रोहित कुमार, कुलदीप सिंह और परिमंडलीय कार्यालय देहरादून के प्रतिनिधि सूरवीर सिंह तोमर के साथ ही डाक विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। 

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