कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर गिर सकती है गाज, अधिक वेतन लिया तो होगी लाखों की वसूली–
गोपेश्वर: श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के स्थाई वेतनभोगी अधिकारी और कर्मचारियों व पेंशनरों की पदोन्नति, एसीपी, एमएसीपी व अन्य वित्तीय लाभों के निर्धारण की जांच होगी, मुख्य सचिव के निर्देश पर यह आदेश जारी हुआ है। शासन के इस आदेश से मंदिर समिति के अधिकारी, कर्मचारियों व पेंशनरों में हड़कंप मचा है। बताया जा रहा है कि मंदिर समिति में पूर्व में मनमाने ढंग से पदोन्नति और वित्तीय लाभ लेने की शिकायतेंलगातार शासन को मिल रही थी।
प्रदेश के धर्मस्व व संस्कृति सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि शासन को कई बार बीकेटीसी में कुछ कार्मिकों के वेतन निर्धारण, पदोन्नति व भत्तों में भारी गड़बड़ी की शिकायत को मिल रही है, जो कि वित्तीय सुशासन के विरुद्ध है। इस संबंध में मुख्य सचिव की ओर से भी निर्देश जारी किए गए हैं।
सचिव ने बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य वित्त नियंत्रक को निर्देश दिए हैं कि वर्तमान में वेतन पा रहे समस्त कार्मिकों के वेतन निर्धारण की जांच की कार्रवाई तत्काल प्रभाव से शुरु की जाए, यदि किसी भी कार्मिक को अधिक भुगतान होना पाया गया, तो शीघ्र वसूली की कार्रवाई अमल में लाई जाए। साथ ही जब भी किसी कार्मिक को कोई पदोन्नति मिली हो, तो तत्समय वेतन निर्धारण करने से पहले के वेतन निर्धारण की जांच भी की जाएगी। इसके साथ सेवानिवृत्त हो चुके कार्मिकों की पेंशन भी पुनरीक्षित की जाए।
सूत्रों के मुताबिक पूर्व में बीकेटीसी में कई अधिकारियों व कर्मचारियों ने गलत तरीके से वित्तीय लाभ प्राप्त किया है। अनुमन्यता से अधिक वेतन आदि लिया जा रहा है। कई सेवानिवृत्त कार्मिक भी इस प्रकार का लाभ ले रहे हैं। ये शिकायतें उच्च स्तर तक पहुंची तो शासन ने इसकी जांच के आदेश दे दिए। इस संबंध में पूछे जाने पर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि मेरे संज्ञान में भी आया है कि शासन ने सीईओ और वित्त अधिकारी को कार्मिकों के वेतन पुनरीक्षण के निर्देश दिए हैं, किंतु इस बारे में मुझे अभी विस्तृत जानकारी नहीं है। मेरे कार्यकाल में किसी भी कार्मिक अथवा पेंशनर को गलत लाभ नहीं दिया गया है। ये जो भी प्रकरण होंगे मेरे कार्यकाल से पूर्व के होंगे।