पांच हेलीकॉप्टर, एक चिनूक, एमआई-17 के अलावा 1150 सुरक्षा बल रेस्क्यू में जुटे, पढ़ें पूरी रेस्क्यू की रिपोर्ट–
रुद्रप्रयाग: केदारनाथ आपदा में जगह-जगह फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। जिला प्रशासन से लेकर सरकार के आला अधिकारी सोनप्रयाग से केदारनाथ तक रेस्क्यू अभियान का नेत़ृत्व कर रहे हैं। रेस्क्यू अभियान में पांच हेलीकॉप्टर, भारतीय वायसेना का चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर रेस्क्यू में लगे हैं। अभी तक विभिन्न माध्यमों से 10374 तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है। अब केदारनाथ में सिर्फ 350 और लिंचोली में 50 यात्री ठहरे हुए हैं।
आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि 31 जुलाई को अतिवृष्ट के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग को भारी क्षति पहुंची है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस आपदा के कारण केदारनाथ तथा केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे लोगों को रेस्क्यू के लिए पूरी क्षमता के साथ खोज बचाव तथा राहत कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के क्रम में तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू करने का काम लगातार जारी है। गौरीकुंड में कोई भी यात्री अब शेष नहीं है।
वर्तमान में वहां पर रहने वाले स्थानीय दुकानदार, डोली पालकी संचालक, घोड़े-खच्चर संचालक रह गए हैं। भीमबली तथा लिनचोली में भी अधिकांश यात्रियों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर यात्रा मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर रुके लोगों को खाने-पीने की समुचित व्यवस्था कराई जा रही है। उनके रुकने के लिए आश्रय की व्यवस्था की जा रही है। सोनप्रयाग में अभी तक 12600 खाने के पैकेट, 10570 पानी की बोतल, 1000 फ्रूटी और 1000 बिस्कुट के पैकेट वितरित किए गए हैं। 1198 लोगों को लंच तथा 250 लोगों को डिनर की व्यवस्था कराई गई है।