हक की लड़ाई: मोहनखाल-चोपता सड़क निर्माण के लिए धरनास्थल पर किया ग्रामीणों ने प्रदर्शन–

by | Aug 17, 2024 | आंदोलन, चमोली, सड़क | 0 comments

चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद के 324 गांवों को यातायात से जोड़ेगी यह सड़क, तुंगनाथ मंदिर जाने के लिए नहीं नापनी होगी 70 किमी की दूरी–

पोखरी (चमोली): आस्था और ईको टूरिज्म के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मोहनखाल-चोपता मोटर मार्ग के निर्माण की मांग तेज हो गई है। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की कार्रवाई शुरू होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है। शनिवार को पांचवें दिन भी ग्रामीणों ने धरना जारी रखा।

धरनास्थल पर पहुंचे केदारनाथ विधानसभा के पूर्व विधायक मनोज रावत, संघर्ष समिति के अध्यक्ष राकेश नेगी, भाजपा नेता आनंद सिंह राणा समेत कई लोगों ने सड़क निर्माण के लिए धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन किया। मोहनखाल में वन विभाग के गेस्ट हाउस परिसर में चल रहे आंदोलन में एक सभा का आयोजन हुआ। निर्णय लिया गया कि 20 अगस्त को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अगस्त्यमुनि दौरे के दौरान संघर्ष समिति का शिष्टमंडल मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा।

पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि मोहनखाल-चोपता सड़क क्षेत्रीय जनता की आस्था से भी जुड़ा हुआ है। पोखरी क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति के निधन के बाद अस्थि विसर्जन के लिए लोग तृतीय केदार तुंगनाथ जाते हैं। यहां तक पहुंचने में लोगों को 70 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है, यदि यह सड़क निर्मित होती है तो लोगों को सिर्फ 23 किमी की दूरी नापनी पड़ेगी। इस सड़क के निर्माण से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

कहा गया कि इस सड़क से चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद के करीब 324 गांव लाभान्वित होंगे। कार्तिक स्वामी मंदिर भी पर्यटन सर्किट से जुड़ जाएगा। इस मौके पर ओम प्रकाश थपलियाल, कल्पेश्वर प्रसाद थपलियाल, महादेव प्रसाद भट्ट, देवी प्रसाद थपलियाल, व्यापार संघ अध्यक्ष धर्मेंद्र बिष्ट, माधो सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता रमेश चौधरी, अमर सिंह, विजय प्रसाद, दिनेश नेगी, राजेंद्र प्रसाद, उर्वीदत्त, राजीव नेगी, शंकर नेगी, रविंद्र प्रसाद थपलियाल, महेंद्र बिष्ट, दीपक थपलियाल, रमेश नेगी आदि मौजूद रहे। यह सड़क ग्राम पंचायत ब्राह्मण थाला, ताली कंसारी, किणजाणी, पोगठा, बाड़व, कांदी, केड़ा, कोंथा, भणज, चंद्रनगर, कनकचौंरी, पोखरी, वल्ली, खन्नी, थालाबेड़, बंगथल, सौड़ामंगरा, दौला, कंडारा, रोता आदि ग्राम पंचायतों को सीधे सीधे तुंगनाथ मंदिर से जोड़ेगी। यह सड़क क्षेत्र की आस्था से भी जुड़ी है।

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