गोपेश्वर। डॉक्टर बाप-बेटी ने गोपेश्वर जिला चिकित्सालय में जान फूंक दी। अस्पताल में सुबह से ही मरीजों का हुजूम उमड़ रहा है। लोगों को अब इलाज के लिए दूसरे जनपदों में नहीं जाना पड़ रहा है। गोपेश्वर जिला अस्पताल में डा. ललित पुनेठा और उनकी बेटी डा. दिव्या पुनेठा की जून माह में तैनाती हुई। सरकार ने वर्ल्ड बैंक की सहायता से पहाड़ों के चिकित्सालयों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए संविदा पर चिकित्सकों की तैनाती की है। गोपेश्वर जिला चिकित्सालय में सर्जन डा. ललित पुनेठा की तैनाती हुई है, जबकि डा. पुनेठा की बेटी महिला रोग विशेषज्ञ डा. दिव्या पुनेठा भी जिला चिकित्सालय में सेवाएं दे रही हैं। इसके अलावा चार अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी यहां तैनाती हो गई है। जिसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर दिखने लग गया है। बड़े ऑपरेशन भी यहां सफलता पूर्वक होने लगे हैं। पिछले ढाई माह में डा. पुनेठा 60 मरीजों के ऑपरेशन कर चुके हैं, जबकि उनकी बेटी डा. दिव्या करीब 30 महिलाओं के ऑपरेशन से प्रसव करा चुकी हैं। डा. पुनेठा वर्ष 1990 से 97 तक गोपेश्वर जिला चिकित्सालय में तैनात रहे। इसके बाद वर्ष 2006 तक उन्होंने कोरोनेशन देहरादून में सेवाएं दी। जबकि पांच साल तक जिला चिकित्सालय नरेंद्र नगर में सर्जन के रुप में और कोरोनेशन में सीनियर सर्जन के रुप में उन्होंने कई मरीजों का इलाज कर उन्हें जीवन दान दिया। वर्ष 2018 में वे सरकारी सेवा से सेवानिवृत हुए, लेकिन जन सेवा के जज्बे ने उन्हें खाली बैठने नहीं दिया। सेवानिवृत होने के तीन माह बाद ही वे फिर से संविदा पर कोरोनेशन में अपनी सेवाएं देने लगे। पहाड़ों के अस्पतालों में सर्जन की कमी को देखते हुए सरकार ने उन्हें सीमांत जनपद चमोली भेज दिया। 64 वर्षीय डा. पुनेठा के जज्बे और व्यवहार में आज भी कोई कमी नहीं आई। उनके मधुर व्यवहार से ही मरीज का आधा दुख दूर हो जाता है। डा. पुनेठा प्रतिदिन लगभग 6 ऑपरेशन तक कर दे रहे हैं। उनकी बेटी डा. दिव्या पुनेठा ने भी बहुत कम समय में मरीजों का दिल जीत लिया। महिलाएं हर समस्या के निदान के लिए उनके पास पहुंच रहीं हैं।
Dr Punetha has always been a competent and nice surgeon and my senior at our medical college and PMHS too.He and Dr Divya have prioved a boon for this interior district.