सिद्धपीठ कुरुड़ में हुई मां नंदा की विशेष पूजाएं, अपने भक्तों को मां नंदा ने दिया आर्शीवाद, आस्था और उमंग का हुआ संगम–
नंदानगर: मां नंदा के सिद्धपीठ कुरुड़ से शुक्रवार को दशोली, बधाण और बंड क्षेत्र की मां नंदा की डोलियां कैलास के लिए विदा हो गई हैं। मां नंदा ने अपने भक्तों को आर्शीवाद दिया और भक्तों ने अपनी आराध्य देवी से मनौतियां मांगी। मां नंदा की लोकजात यात्रा प्रतिवर्ष आयोजित होती है,
जबकि नंदा राजजात यात्रा 12 वर्षों बाद आयोजित होती है। शुक्रवार को मां नंदा की लोकजात यात्रा शुरू हुई। बधाण, दशोली और बंड क्षेत्र की मां नंदा की डोलियां अपने-अपने क्षेत्रों के लिए रवाना हो गई हैं। 10 सितंबर को नंदा अष्टमी के दिन उच्च हिमालय क्षेत्र में पूजा-अर्चना के साथ लोकजात यात्रा का समापन होगा।
इस दौरान ब्लॉक प्रमुख भारती फरस्वाण, दौलत सिंह, मंदिर समिति के अध्यक्ष सुखवीर रौतेला, नरेश गौड़, ग्राम प्रधान रेखा देवी, राकेश गौड़, सत्य प्रसाद, देवेश्वरी गौड़, गुड्डी देवी, मंशाराम, कृपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, आयुश गौड़, राजेश गौड़ आदि मौजूद रहे।
इधर, तीन दिनों से चल रहा नंदा लोकजात मेले का समापन भी हो गया है। मेले में महिला मंगल दल की महिलाओं ने लोकगीत और लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दी। इस दौरान लोकगीत व लोकनृत्य में महिला मंगल दल सुतोल प्रथम, ममंदल कुरुड़ द्वितीय व ममं दल माणखी तृतीय स्थान पर रहा। विद्यालयी लोकगीत में हिमालय चिल्ड्रन एकेडमी नंदानगर प्रथम, प्राथमिक विद्यालय कुंडबगड़ की टीम द्वितीय व हिमालय पब्लिक स्कूल कुरुड़ की टीम तृतीय रही। युवक मंगल दल सरपाणी लोकगीत में प्रथम रहा। युमंदल की एकमात्र टीम ने प्रतिभाग किया था।