चमोली। मानदेय, कोरोना काल के खाद्यान्न के ढुलान का पेमेंट व अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने आंदोलन तेज करने का एलान किया है। कहा गया कि सरकार के आश्वासनों पर अब कोई विश्वास नहीं है। जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रखा जाएगा। कहा गया कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रखा जाएगा। गोदामों से खाद्यान्न का उठान तब तक नहीं होगा, जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं। इधर, जिला पूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चमोली जनपद में लगभग 800 सस्ता गल्ला की दुकानें हैं। हमें खाद्यान्न ढुलान के लिए 30 लाख रूपये पहले मिला था, और 88 लाख रुपये हाल ही में मिला है। अधिकांश विकास खंडों के डीलरों को पेमेंट हो चुका है। अभी डेढ़ करोड़ रुपये की डिमांड शासन को फिर भेजी है। पुराने बिलों की पेमेंट के लिए शासन को दो करोड़ 90 लाख रूपये की डिमांड भेजी गई थी, जिसमें से हमें 90 लाख रूपये मिला है, उसका भुगतान भी डीलरों को किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासन की ओर से गोदाम से दुकान तक के भाड़े में 20 फीसदी की बढौत्तरी कर दी गई है। इधर, सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने आशा और आंगनबाड़ी की तरह ही उन्हें भी उचित मानदेय दिए जाने की मांग उठाई है।