विस्थापन और मुआवजे की मांग उठाई, शासन-प्रशासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप, गांव के ऊपर भूस्खलन होने से 50 से अधिक परिवार हैं प्रभावित–
जोशीमठ। आखिरकार आपदा से त्रस्त पगनो गांव के ग्रामीणों ने अपने गांव के ही पंचायत भवन में क्रमिक धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीण विस्थापन और मुआवजा दिए जाने की मांग उठा रहे हैं। निर्णय लिया गया कि प्रत्येक दिन धरने में गांव के दस लोग बैठेंगे।
आपदा से त्रस्त पगनो गांव के ग्रामीणों ने गांव में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाई। 5 सितंबर को जोशीमठ तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया गया, इसके बाद एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। छह सितंबर को ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि विस्थापन और जोशीमठ की तर्ज पर मुआवजा दिए जाने की मांग पर धरना शुरू किया जाएगा। शुक्रवार से ग्रामीणों ने धरना शुरू भी कर दिया।
बता दें कि पगनो गांव में दो साल से लगातार भूस्खलन हो रहा है, जिससे गांव में कई आवासीय भवन ध्वस्त हो चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से बारिश होते ही भारी मलबा व गाद लोगों के घरों में घुस रही है। किसी का रसोई घर मलबे से भर गया तो किसी का शौचालय ध्वस्त हो गया।
गांव के रास्ते, चौक व आंगन मलबे से भरे हुए हैं। लेकिन अभी तक ग्रामीणों के विस्थापन को लेकर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है। पहले दिन धरने पर बैठने वालों में जमन सिंह राणा, प्रताप सिंह, बद्री प्रसाद, सूरज राणा, ज्ञान सिंह राणा, दिगंबर सुंदरियाल, फते सिंह, प्रमोद चंद्र, सतेश्वर प्रसाद शामिल रहे। इस दौरान ग्राम प्रधान रीमा देवी सहित अन्य ग्रामीण भी मौजूद रहे।