न्यायालय से मिली राहत, उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के 692 पदों पर इसी महीने प्रस्तावित थी भर्ती परीक्षा–
देहरादून:आखिरकार प्रधानाचार्य के पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा स्थगित हो गई है। कुछ शिक्षक मामले को लेकर न्यायायल गए थे, जिसके बाद उन्हें राहत मिल गई है। भर्ती परीक्षा के विरोध में शिक्षक आंदोलन कर रहे थे। कई जगहों पर आंदोलन को तेज करने की तैयारी भी चल रही थी, लेकिन अब परीक्षा निरस्त होने से शिक्षकों का आंदोलन भी थम जाएगा।
बता दें कि 50 साल से अधिक आयु के शिक्षकों को प्रधानाचार्य के पद पर होने वाली भर्ती में शामिल करने की मांग को लेकर कुछ शिक्षक न्यायालय चले गए थे। न्यायालय के आदेश के बाद इन शिक्षकों को भर्ती में शामिल किया गया है।
उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के 692 पदों पर इसी महीने 29 सितंबर को प्रस्तावित विभागीय सीधी भर्ती परीक्षा स्थगित होगी। राजकीय शिक्षक संघ के विरोध के बाद शासन ने इस संबंध में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को पत्र भेज दिया है। आयोग को भेजे पत्र में कहा गया है कि विभागीय परीक्षा में और अधिक प्रतिस्पर्धा लाई जाएगी। इसके लिए उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 में संशोधन किया जाएगा। संशोधन के बाद परीक्षा कराई जा सकती है।
प्रदेश के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को भरने के लिए शासन ने 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय सीधी भर्ती कराने का निर्णय लिया था। इसके लिए उत्तराखंड राज्य शैक्षिक (अध्यापन संवर्ग) राजपत्रित सेवा नियमावली में संशोधन के बाद शासन ने 22 फरवरी 2024 को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को भर्ती परीक्षा का प्रस्ताव भेजा था। सेवा नियमावली में संशोधन के बाद पहली बार यह भर्ती होनी थी, लेकिन राजकीय शिक्षक संघ शुरू से भर्ती का विरोध कर रहा है।