प्रशासन ने किया धारकोट का निरीक्षण, प्रभावितों को सुरक्षित जगह पर जाने को कहा, भूस्खलन से धारकोट के 31 मकान खतरे की जद में, 10 घरों को ज्यादा खतरा–
गोपेश्वर: चमोली जनपद आपदा से कराह रहा है। कई गांवें में भारी बारिश के बाद भूस्खलन और भू-धंसाव तेजी से होने लगा है। दशोली विकास खंड के धारकोट गांव में भूस्खलन से घरों में दरार आने से लोगों में दहशत का माहौल है। प्रशासन ने गांव का निरीक्षण करते हुए ज्यादा खतरे की जद में आए 10 परिवारों को सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी है।
धारकोट गांव के नीचे काफी समय से भूस्खलन हो रहा था। इस साल यहां भूस्खलन काफी तेज हो गया है। इससे यहां 31 घरों में दरार आ गई हैं। लोग दरार वाले घरों में ही रहने को मजबूर हैं। बुधवार को राजस्व उपनिरीक्षक शांति प्रसाद डिमरी के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने गांव का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिक खतरे वाले 10 परिवरों को कहा कि जब तक व्यवस्था नहीं होती तब तक गांव के दूसरे सुरक्षित घरों में चले जाएं। साथ ही ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। साथ ही गांव का भूगर्भीय सर्वेक्षण कराने की भी सिफारिश की है।
ग्राम प्रधान सुनीता फरस्वाण, राजेंद्र, नरेंद्र तोपाल आदि का कहना है कि सरकार को प्रभवित परिवारों के विस्थापन के लिए जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। गांव के जो क्षेत्र सुरक्षित जगह पर हैं वहां प्रभावित परिवारों के घर बनाए जा सकते हैं। ग्राम प्रधान सुनीता फरस्वाण ने कहा कि सुरक्षित जगह पर उनका खेत है, जिसे वह एक मकान बनाने के लिए दे रहे हैं। इधर, थराली, देवाल, जोशीमठ और पोखरी क्षेत्र के कई गांवों को भी भूस्खलन से खतरा उत्पन्न हो गया है।