पैदल रास्ता भी जगह-जगह ध्वस्त, बाजार तक नहीं पहुंच पा रही ग्रामीणों की फसल–
पीपलकोटी(चमोली):पाणा और ईराणी गांव को यातायात से जोड़ने वाली निजमुला-पाणा-ईराणी सड़क तीन माह से बंद पड़ी है। जिसे ग्रामीणों को दस किमी पैदल चलना पड़ रहा है। साथ ही पैदल रास्ता भी बुरी तरह से तहस-नहस हो रखा है। इससे ग्रामीण कई जगह पर जान जोखिम में उठाकर आवाजाही कर रहे हैं।
पीएमजीएसवाई के अंतर्गत 31 किमी निजमुला-पाणा ईराणीसड़क लंबे समय से निर्माणाधीन है। वर्तमान में पगना तक वाहनों की आवाजाही होती है। जिसकी दूरी करीब 25 किमी है। लेकिन सड़क किमी 18 में तीन माह से बंद पड़ी है। इसके आगे वीर गंगा पर बने वैली ब्रिज की दोनों ओर के एप्रोच रोड ध्वस्त हो रखी हैं। इसके साथ ही अन्य जगह पर भी पुस्ते टूटे हुए हैं। इससे झींझी, ईराणी, बनाली, पाणा सहित अन्य गांवों के लोगों की आवाजाही ठप हो रखी है।निजमुला घाटी में खासकर पाणा-ईराणी का आलू काफी प्रसिद्ध है।
इस समय यहां आलू की फसल तैयार हो रखी है। वहीं राजमा, चौलाई, रामदाना के साथ ही शुद्ध जैविक सब्जियां भी गांवों में भरपूर हैं, लेकिन सड़क मार्ग नहीं होने से लोग अपने उत्पाद को बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। घोड़े खच्चर से सामान लाने में ढुलान का खर्च काफी आ जाता है। एक बार में एक घोड़े का 400 से 500 रुपये ढुलान लगता है। जिससे कई ग्रामीणों ने अभी आलू की फसल को निकाला भी नहीं है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य विजय सिंह का कहना है कि सड़क जगह-जगह टूटी है। ऐसे में आम आदमी तो कैसे भी आवाजाही कर ही लेता है, लेकिन बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक लाना चुनौती बना रहता है। आठ से 10 किमी कंधे पर रखकर बीमार को सड़क तक पहुंचाते हैं। लोगों की नगदी फसल खेतों में पड़ी है। इस संबंध में पीएमजीएसवाई को ज्ञापन भी दिया है।