आस्ट्रेलिया से घर पहुंचा गौरव, सात साल के बेठेवियान ने भी पहने रामलीला के कपड़े, बना सेना–
नंदप्रयाग, 17 अक्टूबर 2024: आज भी रामलीला को लेकर लोगों में जुनून और उत्साह का माहौल है। रामलीला का नाम सुनते ही गांवों के वो पुराने दिन याद आ जाते हैं। नंदप्रयाग में रामलीला होने की सूचना जैसे ही आस्ट्रेलिया में रह रहे गौरव वैष्णव को मिली तो उन्होंने रामलीला कमेटी से संपर्क किया और कहा कि मैं जल्द परिवार के साथ आस्ट्रेलिया से घर पहुंच रहा हूं, इस बार जनक का अभिनय मैं ही करूंगा। इसके अलावा रामलीला में अभिनय के लिए देश के कई अन्य क्षेत्रों में नौकरी कर रहे लोग भी अपने घर पहुंचे हुए हैं।
दरअसल, नंदप्रयाग की रामलीला अपर गढ़वाल की सबसे पुरानी रामलीला है। यह रामलीला इस वर्ष 130वें साल में प्रवेश कर चुकी है। इस रामलीला की खासियत यह है कि यह हिंदू-मुस्लिम समुदाय के बीच सौहार्द की मिसाल भी है। मुस्लिम समुदाय के लोग भी रामलीला मंचन में अपना पूरा सहयोग करते हैं।
15 अक्टूबर से नंदप्रयाग में रामलीला मंचन शुरू हो गया है। 16 को सीता जन्म में आल्ट्रेलिया से आए 46 साल के गौरव वैष्णव ने जनक का शानदार अभिनय किया। उनका सात साल का बेटा वियान भी रामलीला में सेना का अभिनय कर खुशी से झूम उठा। इसके अलावा कई अन्य लोग भी अवकाश लेकर रामलीला में प्रतिभाग करने पहुंचे हुए हैं। देहरादून से शिक्षक हेमंत कठैत जी मारीच और मसूरी से आये अभिषेक सती सुबाहु की भूमिका अभिनित करेंगे।
वरिष्ठ कलाकार व मेकअप आर्टिस्ट श्री महेन्द्र रावत जी का कहना है, “हमें गर्व है कि देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले नन्दप्रयाग के लोग अपनी रामलीला में भाग ले रहे हैं। यह हमारी पौराणिक परम्परा को और मजबूत बनाने में मदद करेगा।” वहीं रामलीला कमेटी के मीडिया प्रभारी महेश रावत का कहना है कि देश – विदेश में रहने वाले स्थानीय लोगों को निमंत्रण पत्र की तैयारी महीने भर पहले से की जाती है।