दावेदारों ने लगाई आपत्ति, कहा यह पुरुष वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का है हनन, रविवार को आपत्ति लगाने का अंतिम दिन होगा–
चमोली, 14 जून 2025: त्रिस्तरीय पंचायतों में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में आरक्षण की श्रेणी का निर्धारण होने के बाद अब राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। जनपद के 563 ग्राम पंचायत, 244 क्षेत्र पंचायत, 26 जिला पंचायत वार्ड और 9 ब्लॉक प्रमुख के आरक्षण का आवंटन हो गया है। जनपद के पोखरी विकास खंड में ब्लॉक प्रमुख सीट लगातार चौथी बार भी महिला के लिए आरक्षित हो गई है।
ब्लाॅक प्रमुख के संभावित दावेदारों ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए पुरुष वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया है। उनका कहना है कि प्रमुख की सीट लगातार महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाना पंचायतीराज व्यवस्था के खिलाफ है। इस पर पुर्नविचार किया जाना चाहिए। कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जनसंख्या और रोटेशन के हिसाब से जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम प्रधान व ब्लॉक प्रमुख के लिए आरक्षण का निर्धारण कर सीटों का आवंटन किया जाता है।
इधर, जिले के 26 जिला पंचायत वार्डों में ढाक, चौंडा, सलना व सैंजी की सीट को अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित की गई है, जबकि सूना व सवाड़ वार्ड एससी, कोठली को ओबीसी, थिरपाक, जाख, उर्गम, बछुवावाण, बूरा, हाटकल्याणी, भलसों और मालसी को महिला आरक्षित तथा कोठा, देवर खडोरा, भेंटी, विनायक, मटई, सिमली, थालाबैड़, अंद्रपा, छेकुड़ा, पिलंग व रानौं वार्ड को अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है।
दशोली ब्लॉक प्रमुख पद के लिए एससी महिला, गैरसैंण, नंदानगर, कर्णप्रयाग व पोखरी में महिला, नारायणबगड़, थराली, ज्योर्तिमठ व देवाल में प्रमुख की सीट अनारक्षित श्रेणी में रखी गई है। जिला मजिस्ट्रेट संदीप तिवारी ने कहा कि ग्राम पंंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख पद में आरक्षण के अनंतिम प्रकाशन की सूची जारी कर दी गई है। इससे संबंधित आपत्ति को 15 जून तक संबंधित विकास खंड कार्यालय, जिला पंचायतराज अधिकारी व अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत के कार्यालय में दर्ज किया जा सकता है। इन आपत्तियों का संज्ञान लेने के बाद निस्तारण किया जाएगा।
पोखरी ब्लॉक प्रमुख की सीट लगातार चौथी बार महिला आरक्षित होने से पुरुष दावेदारों में मायूसी है। जनप्रतिनिधियों ने इस पर आपत्ति दर्ज कर शीघ्र आरक्षण की श्रेणी में बदलाव करने की मांग उठाई है। पोेखरी में ब्लॉक प्रमुख की सीट 2005 से महिला आरक्षित है। जिससे यहां महिला ही पिछले बीस सालों से प्रमुख की कुर्सी पर काबिज है।
अधिवक्ता देवेंद्र राणा, मनोज भंडारी, मुकेश नेगी, प्रेम सिंह नेगी और गोपाल पंवार का कहना है कि प्रमुख की सीट लगातार महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाना पंचायतीराज व्यवस्था के खिलाफ है। इस पर पुर्नविचार किया जाना चाहिए। कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जनसंख्या और रोटेशन के हिसाब से जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम प्रधान व ब्लॉक प्रमुख के लिए आरक्षण का निर्धारण कर सीटों का आवंटन किया जाता है।
जिससे महिला और पुरुषों की पंचायती राज व्यवस्था में बराबर की भागेदारी सुनिश्चित हो सके। लेकिन पोखरी में प्रमुख पद लगातार चौथी बार भी महिला के लिए आरक्षित होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पुरुष वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।