चमोली। 12 वर्ष की उम्र में 1 फरवरी 2020 को दक्षिण अफ्रिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकांकागुआ को फतह करने के बाद अब काम्या चमोली जनपद के त्रिशूल चोटी की फतह के लिए निकल गई है। काम्या के साथ उसके पिता एस कार्तिकेयन भी ट्रेकिंग कर रहे हैं। काम्या अब इतिहास रचने जा रही है। काम्या अभी तक देश की कई माउंट चोटियों को फतह करने का गौरव हासिल कर चुकी है। इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काम्या को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। मुंबई की रहने वाली काम्या को ट्रेकिंग का शौक है। काम्या महिलाओं और युवतियों की आईकॉन बनना चाहती है। चमोली जनपद में त्रिशूल चोटी 7120 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। काम्या के पिता एस कार्तिकेयन भारतीय नोसेना में कमांडर हैं। बृहस्पतिवार को काम्या जिले के सुतोल गांव से त्रिशूल चोटी के लिए प्रस्थान कर चुकी है। यह करीब एक सप्ताह का ट्रेक है। 15 किलोमीटर के ट्रेक को पार कर काम्या और उसके साथ चल रहा दस सदस्यीय दल लाता कोपड़ी बुग्याल पहुंच गया है। बता दें कि अभी तक सेना, आईटीबीपी और विदेशी पर्यटकों के दल भी त्रिशूल चोटी को फतह कर चुके हैं। वर्ष 2019 में विदेशी पर्वतारोहियों के दल में से एक पर्वतारोही गायब हो गया था, तब त्रिशूल के बेस कैंप में एवलांच टूटने से पर्वतारोही बिछुड़ गए थे।