पीपलकोटी। बेघर हुए हाट गांव के ग्रामीण शुक्रवार को रोते बिलखते टीएचडीसी कार्यालय पहुंचे। यहां उन्होंने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद वे टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक के आवास परिसर में पहुंचे। वे निदेशक के कमरे तक भी गए। उन्होंने गांव को तहस-नहस करने वाले अधिकारियों को मौके पर ही खरी-खरी सुनाई। ग्रामीणों का कहना है कि टीएचडीसी और प्रशासन ने उन्हें संभलने का मौका भी नहीं दिया। उन्होंने जिला प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। ग्राम प्रधान राजेंद्र प्रसाद हटवाल के साथ ही आंदोलन में पहुंची महिलाएं अपने उजड़े गांव को देखकर कई बार अपने आंसुओं को नहीं रोक पाए। अधिशासी निदेशके आवास परिसर में क्षेत्र के भूमियाल देवता, नृसिंह देवता, नाग देवता व अन्य देवी-देवताओं ने ग्रामीणों पर अवतरित होकर उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन और टीएचडीसी के साथ हुई वार्ता में निर्णय लिया गया था कि तीन अक्तूबर को ग्रामीणों की मांगों पर कार्रवाई होने के बाद ही मकानों का ध्वस्तीकरण किया जाएगा, लेकिन उनकी नहीं सुनीं गई। बल पूर्वक उन्हें घरों से खदेड़कर उनके घरों को तोड़ दिया गया। कहा गया कि अब चार अक्टूबर को गोपेश्वर में जिलाधिकारी कार्यालय के सम्मुख धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।