अपने उजड़े गांव, मकान को देख फूट फूटकर रोया फौजी, उसके साथ सगे संबंधी भी रोए… –

by | Sep 26, 2021 | चमोली, समस्या | 0 comments

 पीपलकोटी। कुछ समय पहले ही गांव में अपनी छुटटी बिताकर वापस पंजाब गए फौजी आशीष हटवाल ने ये कल्पना भी कभी नहीं की होगी कि दोबारा जब वापस आऊंगा तो जिस घर में ड्यूटी से आकर कभी सकून से अपने घर में अपना बैग सामान रखते थे, जिस घर के तांबे के गागर से ठंडा पानी मां अपने हाथ से लेकर पिलाती थी, अब वो घर कभी देखने को ‌नहीं मिलेगा। वहां देखने को मिलेगा तो सिर्फ मलबे का ढेर। हाट गांव की नर्वदा देवी का इकलौता बेटा आशीष हटवाल भारतीय सेना में तैनात है। जब घर में आशीष से मां को फोन किया तो, मां ने बताया कि बेटे परियोजना का निर्माण कर रही टीएचडीसी कंपनी ने हमारा घर गांव उजाड़ दिया है, तब से आशीष के रातों की नींद और सुख चैन खो गया था। वह एक ही रट लगाए हुए था कि गांव जाना है। उसने अपने अधिकारियों से गांव जाने के लिए छुट्टि मांगी। रविवार को आशीष अपने गांव पहुंचा। गांव आकर देखा तो यहां न घर है और ना घर का आंगन। बस अगर है तो सिर्फ बिखरा मलवा है चारों और ..न सामान रखने की जगह न ही मां के हाथों का पानी मिला। अगर मिला तो सिर्फ उजड़ा घर उजड़ा आंगन..।आशीष ने आते ही रोते रोते कह रहा है कि मैं अपना ये बैग कहां पर रखूं, कहां मेरी रात कटेगी, कहां मैं खाना खाऊंगा, आंखों में आंसू लेकर अपने घर को बार बार देख रहे आशीष को देखकर ग्रामीणों का हृदय भी बहुत दुखी है। जब आशीष गांव में पहुंचा ही था कि गांव में पसरा सन्नाटा टूट गया, सभी ग्रामीण बदहवास होकर रोने लगे, कहां जाएं, कहां रहें, आशीष की 66 वर्षीय मां नर्वदा देवी ने बेटे आशीष को ढांढस बंधाया, ग्रामीणों ने भी उसे ढांढस बंधाया और कहा कि जिंदगी रही तो आगे भी अपने गांव की खैर ख्वाह लेने आते रहेंगे। गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रत्येक साल बड़ा धार्मिक अनुष्ठान रखेंगे, जिससे सभी ग्रामीण एक साथ पूजा-अर्चना करेंगे और एक दूसरे को भी मिल जाएंगे। आजकल आशीष की शादी के लिए नर्वदा देवी तैयारियों में जुटी थी, अभी शादी का दिन भी निश्चित नहीं हुआ है। 

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