अब पहाड़ी पर फूटा पानी का स्रोत, होगी तकनीकी जांच, बदरीनाथ धाम की यात्रा में दिक्कत पैदा करेगा पर्थाडीप–
नंदप्रयाग, 14 अक्टूबर 2025: बदरीनाथ हाईवे पर लंबे समय से नंदप्रयागपर्थाडीप भूस्खलन क्षेत्र परेशानी का सबब बना हुआ है। अब यहां नई समस्या खड़ी हो गई है। भूस्खलन वाली पहाड़ी से पानी का अत्यधिक मात्रा में रिसाव हो रहा है। जिससे हाईवे के ट्रीटमेंट का काम भी प्रभावित हो गया है। यहां हाईवे बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। हाईवे की कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल की ओर से इन दिनों यहां मलबा निस्तारण और गेवियन वॉल का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन पानी के रिसाव से यह काम भी प्रभावित हो गया है। अब एनएचआईडीसीएल की ओर से इस भूस्खलन क्षेत्र की तकनीकी जांच कराई जाएगी।
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी को जाने वाले तीर्थयात्री और पर्यटक इसी मार्ग से होते हुए धामों व पर्यटन स्थलों तक पहुंचते हैं। इसके अलावा सेना के जवानों की आवाजाही भी इसी मार्ग से होती है। जोशीमठ, चमोली, गोपेश्वर सहित सीमांत क्षेत्रों के लोगों की यह लाइफलाइन है। लेकिन पिछले कुछ सालों से बदरीनाथ हाईवे की हालत बदहाल हो गई है। नंदप्रयाग के पर्थाडीप में स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। यहां पहाड़ी पर अब पानी का स्रोत फूट गया है। जिससे अत्यधिक मात्रा में पानी का रिसाव हो रहा है। पानी हाईवे पर बह रहा है।
विभाग की ओर से पर्थाडीप में वर्तमान में बनी स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों से जांच करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर यहां ट्रीटमेंट कार्य किए जाएंगे।पहाड़ी से निकलने वाला पानी हाईवे पर बह रहा है। पहले से भूस्खलन से हाईवे पर पड़ी मिट्टी व पत्थरों में पानी बहने से वहां कीचड़ जमा हो रखा है। ऐसे में हाईवे पर वाहनों की आवाजाही में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। खासकर दुपहिया वाहनों का आवामन अधिक चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। इस वर्ष की यात्रा अंतिम चरण में है, लेकिन आगामी वर्ष की यात्रा शुरू होने तक हाईवे को चाक-चौबंध रखना चुनौतिपूर्ण बना हुआ है।