कहा दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के विकास कार्यों का विशेष मॉडल बनेगा, संविदाकर्मियों के नियमितिकरण नियमावली का प्रस्ताव शीघ्र कैबिनेट में लाने की बात कही–
देहरादून, 06 नवंबर 2025: उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र संपन्न हो गया है। सत्र के समापन पर संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने सरकार का पक्ष रखा। कहा कि दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के विकास कार्यों का विशेष मॉडल बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि संविदाकर्मियों के नियमितिकरण नियमावली के प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा। तथा नजूल भूमि पर भूमिहीनों को मालिकाना हक देने पर कैबिनेट उपसमिति का फैसला जल्द आने की बात कही।
विशेष सत्र के तीसरे दिन भोजनावकाश के बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने जहां सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला तो, विपक्षी विधायकों ने पूर्ववर्ती सरकारों की उपलब्धियों के साथ ही वर्तमान हालात पर चिंता भी जताई। सत्र समापन पर संसदीय कार्यमंत्री सुबोध उनियाल ने सदन में कहा कि विशेष सत्र में जो वाद-विवाद हुआ, वह राज्यहित में नहीं है। हम सभी उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। साथ चलकर काम करना है।
मैदान की अपेक्षा पर्वतीय क्षेत्रों में निर्माण कार्यां की लागत अधिक आती है, लिहाजा, दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों का विशेष निर्माण मॉडल बनाया जाएगा। कहा कि उपनल, संविदाकर्मियों की नियमितिकरण को लेकर दो बार कैबिनेट में चर्चा हो चुकी है, लेकिन नियमितिकरण के लिए कटऑफ पर सहमति नहीं बन पाई।
नियमावली का प्रस्ताव फिर कैबिनेट में लाया जाएगा। वहीं, प्रदेशभर में नजूल भूमि पर काबिज भूमिहीनों के चिन्हिकरण व मालिकाना हक को लेकर कैबिनेट उपसमिति गठित है। कहा कि यह उप समिति जल्द ही फैसला लेगी। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी।


