कलम क्रांति साहित्य मंच की ओर से आयोजित की गई कवि गोष्ठी, कवियों ने बोली भाषा संरक्षण पर दिया जोर–
पीपलकोटी, 26 दिसंबर 2025: सेमलडाला मैदान में एक साप्ताहिक बंड मेले के छठवें दिन बृहस्पतिवार को कलम क्रांति साहित्य मंच की ओर से कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवियों ने सम्मेलन में स्वरचित कविताओं का पाठ किया और अपनी बोली भाषा के संरक्षण का संकल्प लिया। इन दिनों पहाड़ में भालू की दहशत को भी कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से बयां किया और सरकार से भालूओं की रोकथाम की योजना बनाने पर जोर दिया। साथ ही कविताओं के माध्यम से नशा उन्मूलन का संदेश दिया।
कलम क्रांति साहित्य मंच की अध्यक्ष/तीलूरौतेली पुरस्कार से सम्मानित डॉ शशि देवली ने हे भारत माता का वीर सपूतों उठ जावा तलवार उठावा.. और माया जाल का फेर मां ना पड़ा.. कविता का पाठ किया। डॉ दर्शन सिंह नेगी ने पहाड़ में भालू की दहशत पर कविता पाठ किया।
उन्होंने बोण जाणा तख रिख, घोर जाणा तख रिख, कुछत कर हे सरकार, रिख से मनखीबिचारू परेशान यख..कविता का पाठ कर सरकार से भालू के हमलों की रोकथाम की योजना बनाने की मांग उठाई।
कवि बिरेंद्र रावत ने याद आणि आज सी पुराना दिन, कथगाबढ़िया छा..की प्रस्तुति देकर पुराने दिनों याद ताजा की। सम्मेलन में कवि भगत सिंह राणा, दीपलता, सत्येंद्र, राहुल रावत, जसवंत परिहार, कार्तिक तिवारी, सुनीता सेमवाल ने भी अपनी स्वरचित कविता का पाठ किया। संचालन डॉ शशि देवली ने किया।


