गोपेश्वर। उक्रांद कार्यकर्ता भी आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। बृहस्पतिवार को गोपेश्वर में दल के केंद्रीय अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने दल के कायकर्ताओं की बैठक ली। बैठक में निर्णय लिया गया कि काशी सिंह ऐरी दल में मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। उन्हीं के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा। काशी सिंह ऐरी ने कहा कि दल आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 70 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी खड़े करेगी। जनता के सम्मुख बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, संचार, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर जाएंगे और उनके साथ मिलकर इन मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करने का संकल्प लेंगे। ऐरी ने कहा कि राष्ट्रीय दलों ने उत्तराखंड देवभूमि को गर्त में धकेल दिया है। चुनाव में शराब और पैसों के बल पर सत्ता बटोरी जा रही है। इन दलों का जनता से कोई लेना देना नहीं रह गया है। राज्य में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, महंगाई चरम पर पहुंच गई है। उक्रांद पूरे दमखम के साथ विधानसभा में प्रतिभाग करेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1996 में उक्रांद कार्यकर्ताओं ने पृथक राज्य गठन के लिए विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन आज राज्य निर्माण को दो दशक से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन आज तक शहीदों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बना है। राज्य में बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार चरम पर है। राज्य की सरकारें मुख्य मुद्दों से भटक गई है। कहा कि उक्रांद को मजबूती देने का काम किया जा रहा है। पंचायत से लेकर लोकसभा चुनाव में दल प्रतिभाग करेगा। पूर्व में पंचायतों के अधीन 21 सरकारी विभाग होते थे, अब यह व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। जबकि संविधान में यह व्यवस्था बनाई गई थी। इसके लिए संघर्ष किया जाएगा। रेल परियोजना और देवस्थानम बोर्ड के नाम पर लोगों के साथ छलावा किया जा रहा है। उन्होंने राज्य के पर्वतीय क्षेत्र में कृषि विश्व विद्यालय स्थापित करने की पैरवी की। काशी सिंह ऐरी ने कहा कि राज्य में मूल निवास की बाध्यता होनी चाहिए। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष किशन सिंह मेहता, मदन सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष अरुण कुमार शाह, बदरीनाथ विधानसभा प्रभारी बच्चीराम उनियाल, कस्बी लाल शाह, जिला महामंत्री सर्वेश्वर प्रसाद पुरोहित, संगठन मंत्री दिगंबर सिंह, भगत सिंह कुंवर, कुंवर सिंह दानू, देवेंद्र कुमार आदि मौजूद थे। प्रदेश उपाध्यक्ष किशन सिह मेहता ने कहा कि जिला कार्यकारिणी सदस्यता अभियान पर जोर देगी। गांव-गांव में अधिक से अधिक महिलाओं और युवाओं को दल में शामिल किया जाएगा। कहा गया कि विधानसभा चुनाव में महिलाओं की भागेदारी भी अधिक रहेगी।