देहरादून। प्रदेश में बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में मुख्य आरोपी सेवानिवृत समाज कल्याण अधिकारी बृहस्पतिवार को पुलिस गिरफ्त में आ गया। पुलिस ने उसे हरिद्वार से गिरफ्तार किया। एसआईटी की जांच में पाया गया था कि तीन संस्थानों को 3.30 करोड़ रूपये दिए गए थे, लेकिन ये संस्थान धरातल पर कहीं नहीं मिले। यह राशि निजी खातों में भेजी गई थी। वर्ष 2015-16 में जनपद हरिद्वार में सहायक समाज कल्याण अधिकारी के पद पर रहते हुये छात्रवृत्ति वितरण में करोड़ों का घोटाला सामने आया था। मामले की विवेचना कर रहे विवेचना निरीक्षक सुंदरम शर्मा ने सेवानिवृत समाज कल्याण अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिये बुलाया। लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। जिसके बाद उनके निजी आवास 126/5 खन्ना नगर ज्वालापुर हरिद्वार में नोटिस चस्पा कर दिया गया। विवेचना निरीक्षक पुलिस फोर्स के साथ उनके पैतृक घर भी पहुंचे, वे यहां भी नहीं मिले तो। टीम ने उनके घर पर नोटिस चिपका दिया गया है कि वे अगर नोटिस की समयावधि के अन्तर्गत एसआईटी या पुलिस के समक्ष पूछताछ के लिए प्रस्तुत नहीं होते तो उनके घर की कुर्की का नोटिस निकाला जायेगा।