चमोली। पोखरी तहसील के सांकरी गांव का 26 वर्षीय योगंबर आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गया। शहीद होने से कुछ ही घंटे पहले योगंबर ने अपनी पत्नी कुसुम से फोन पर बात की और दीपावली में घर आने का वायदा किया था। 10 अक्टूबर को योगंबर की बहन की सगाई हुई थी, लेकिन उसे छुट्टी नहीं मिल पाई। उसने अपनी मां जानकी देवी से कहा कि बहन रितू की सगाई में तो नहीं पहुंच पाया, लेकिन शादी में जरुर आऊंगा, लेकिन योगंबर के शहीद होने की सूचना के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद की मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी भी बेसुध पड़े हुए हैं। पोखरी में बामनाथ मंदिर के समीप और निगोल नदी के किनारे स्थित सांकरी गांव का योगंबर सिंह पांच साल पहले 17 गढ़वाल राइफल्स में भर्ती हुआ था। वह वर्तमान में जम्मू-कश्मीर में तैनात था। योगंबर का एक साल का बेटा अक्षत है। 10 अक्टूबर को शहीद योगंबर की इकलौती बहिन रितू की सगाई हुई थी, लेकिन योगंबर को छुट्टी न मिलने के कारण वह सगाई में शामिल नहीं हो पाया। योगंबर ने 11 अक्टूबर रात को अपनी मां से बात की। कहा कि मां बहन रितू की सगाई में तो नहीं आ पाया, लेकिन शादी में जरुर आऊंगा। योगंबर के शहीद होने की खबर मिलते ही पूरा गांव भी शोक में डूबा हुआ है। न रितू की सगाई में तो नहीं आ पाया, लेकिन शादी में जरुर आऊंगा। योगंबर के शहीद होने की खबर मिलते ही पूरा गांव भी शोक में डूबा हुआ है।