गोपेश्वर। बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने कहा कि जब तक चमोली जिला पंचायत में जांच चल रही है, तब तक जिला पंचायत अध्यक्ष के अधिकार सीज होने चाहिए। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री और पंचायती राजमंत्री से बात की है। विधायक ने कहा कि यदि आरोप गलत हैं तो अध्यक्ष या कोई भी कांग्रेसी सदस्य अभी तक उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्यों नहीं लाए।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत और भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों के बाद अब बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट ने आरोपों को लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि यह सब कांग्रेस की मिली भगत है। सब भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं।
उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि नंदादेवी राजजात कार्यों को लेकर कांग्रेस गलत बयान दे रही है। कोर्ट से अभी उनको क्लीन चिट नहीं मिली है बल्कि कोर्ट ने इस संबंध में सरकार से आख्या मांगी थी, जिसे जल्द भेज जाएगा। कहा कि इस मामले में टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है। आचार संहिता लगने पर प्रशासन ने वित्तीय अनियमितता होने से रोक दिया था। कहा कि पूर्व मंत्री राजेंद्र भंडारी के कार्यकाल के दौरान विधायक निधि से हुए कई कामों में ७५ प्रतिशत भुगतान हुआ, यह काम अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। कई काम जमीन पर हुए ही नहीं। इन कामों के साथ ही पोखरी मिनी स्टेडियम, पोखरी पॉलीटेक्निक सहित कई काम हैं जिनकी जांच कराई जाएगी। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट भी उपस्थित रहे।
दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के उस बयान पर भी विधायक महेंद्र भट्ट ने टिप्पणी की जिसमें हरक सिंह रावत ने कहा था कि यह कार्यकाल निराशजनक रहा। विधायक ने कहा कि मंत्री जी व्यक्तिगत विकास नहीं होने पर निराश हैं। भाजपा सरकार में मंत्रियों का व्यक्तिगत विकास नहीं होता बल्कि सार्वजनिक विकास होता है। इसलिए इसे विकास से नहीं जोड़ना चाहिए। बदरीनाथ विधायक ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से प्रदेश और केंद्र सरकार की उपलब्धियों से बौखला गई है।