गोपेश्वर। चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सरकार की ओर से अध्यक्ष के विरूद्घ कोई कार्रवाई न करने पर भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे मामला और भी गरमा गया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शीघ्र मामले में अध्यक्ष के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर अध्यक्ष के अधिकार और पदच्युत करने की मांग की है। 23 अक्टूबर को जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर वित्तीय अनियमितता और निविदा प्रक्रिया में धांधली करने के आरोप लगाए थे। उसके बाद से जिले में राजनीति गरमा गई। जिला पंचायत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया तो अध्यक्ष ने किसी भी जांच के लिए तैयार होने की बात कही। मामले की गंभीरता को देखते हुए बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट भी कूद पड़े। उन्होंने मामले की जांच करने और जांच तक अध्यक्ष के अधिकार सीज करने की मांग सरकार के सम्मुख रखी। अब भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों के इस्तीफे से भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट ने मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकार पर दबाव बना दिया है। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा कि मामले में सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर सदस्यों ने भाजपा की सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया है। कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पर वर्ष 2012-13 में नंदा राजजात के कार्यों में निविदा प्रक्रिया में धांधली की गई थी। जब जांच हुई तो आरोप भी सिद्घ हो गए थे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष की ओर से अध्यक्ष पर लगाए गए वित्तीय अनियमितता के अन्य आरोप भी गंभीर हैं। लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भाजपा समर्थित सदस्यों के इस्तीफा देने से पार्टी को जनपद में नुकसान झेलना पड़ सकता है। लिहाजा तत्काल जिला पंचायत अध्यक्ष को पदच्युत किया जाए। अब मामले में राजनीति बेहद नाजुक मोड़ पर पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना से मामले को लेकर बातचीत की है।