देहरादून। तिब्बत सीमा क्षेत्र में स्थित द्वितीय रक्षा पंक्ति के गांवों के भोटिया जनजाति के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंंह धामी से भेंट की। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से शीत कालीन प्रवास (भोटिया पड़ाव) को ग्रामीणों के नाम दर्ज करने की मांग की है। ग्राम प्रधान संघ के जिला महामंत्री व कागा गरपक गांव के ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह राणा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से भेंट की। ग्रामीणों ने कहा कि सन 1962 से पूर्व हमारे समाज की आजीविका का मुख्य आधार तिब्बत व्यापार हुआ करता था इस व्यापार के माध्यम से सम्पूर्ण समाज के साथ ही साथ गढ़वाल के विभिन्न क्षेत्रों मे समुदाय के व्यापारिक केंद्र (भोटिया पड़ाव) के माध्यम से व्यापार किया करते थे।परंतु 1962 के पश्चात तिब्बत पर चीनी आधिपत्य के कारण हमारे समाज का व्यापार पूर्णरूप से बंद हो जाने के कारण धीरे धीरे हमारे समाज के लोग भोटिया पड़ावों पर ही पूर्णरूप से निवासरत करने लगे और ऊनी कुटीर उद्योग व पशुपालन के माध्यम से अपना जीवन यापन करने लगे।लेकिन आज तक शीतकालीन प्रवास भूमि हमारे समुदाय के लोगो के नामदर्ज नही हो पाया,जो कि बहुत ही दुर्भाग्य की बात है। इस विषय पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए तुरंत सचिव राजस्व को निर्देशित किया कि तत्काल प्रभाव से इस समस्या का निराकरण किया जाय। शिष्टमंडल मे बैशाख सिंह रावत, पुष्कर सिंह राणा प्रधान कागा गरपक व नन्दन सिंह रावत द्रोणागिरी शामिल थे। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से नीती और माणा घाटी में बिजली, पानी, संचार, सड़क, स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने की मांग भी उठाई।