गोपेश्वर। निजमुला घाटी के गांवों में आज भी सड़क और स्वास्थ्य सुविधा न होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत ब्यारा के हडुंग गांव में सड़क के अभाव में पेट दर्द से कराहती 56 वर्षीय पुष्पा देवी को ग्रामीण छह किलोमीटर तक पैदल कंधे पर कुर्सी के सहारे सड़क तक लाए, फिर यहां से वाहन से पुष्पा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सड़क के अभाव में हडुंग गांव के ग्रामीण आज भी करीब 8 किलोमीटर की पैदल दूरी नापने को मजबूर हैं। शनिवार रात को पुष्पा देवी के पेट में अचानक दर्द उठा। गांव में आसपास कहीं भी स्वास्थ्य की सुविधा नहीं है और ना ही सड़क सुविधा। रात भर पुष्पा दर्द से बेहाल रही। रविवार को सुबह छह बजे ग्रामीणों ने कुर्सी को डंडों से बांधकर करीब छह किलोमीटर तक पैदल चलकर महिला को सड़क तक पहुंचाया। ग्राम प्रधान वृजमोहन लाल, रणजीत सिंह फरस्वाण, उमेद सिंह, प्रियांशु, विरेंद्र सिंह, जितार सिंह, मनोज और अमर सिंंह का कहना है कि चालू वर्ष के फरवरी माह में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुर्मीताल में ब्यारा-तड़ागताल (19 किमी) सड़क के निर्माण की घोषणा की थी। लेकिन आज तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे पूर्व भी कई बार सड़क निर्माण के लिए ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की। उनका कहना है कि हडुंग गांव में 45 परिवार निवास करते हैं। ग्रामीणों को आज भी अपने गंतव्य तक जाने के लिए आठ किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ती है।