गोपेश्वर। मध्यकड़ाकोट के चोपता क्षेत्र में प्रर्यावरणविद धनसिंह घरिया की देखरेख चोपता चौंरी रूद्राक्ष वाटिका की स्थापना के तहत पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। रविवार को चोपता क्षेत्र में विभिन्न फल, चारा और पुष्प प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत चोपता मंदिर में महिला मंगल दल, युवक मंगल दल और वन पंचायत के तत्वाधान में ग्रामीणों द्वारा पौधारोपण के साथ ही इनकी देखरेख को लेकर योजना तैयार करने को लेकर किया गया।
इस अवसर पर धनसिंह गरिया ने बताया कि इस क्षेत्र में रूद्राक्ष वन को तैयार करने की काफी समय से विचार किया जा रहा था जिसे शुरूआती दौर में 21 रूद्राक्ष के पौधों के रोपण से किया गया है। इन पौधों के विकास और यहां की जलवायु में यदि ये हो पाते हैं तो आने वाले समय में इसको विस्तार दिया जायेगा। रूद्राक्ष के अलावा अमरूद, हेड़ा, बहेड़ा, आवला, बांस, ग्वेराल, जकरेण्डा, बोटल, आदि प्रजाति के करीब 200 वृक्षों का रोपण किया गया।
इस दौरान कड़ाकोट विकास समिति के सचिव सुरजीत नेगी ने बताया कि इस तरह की पहल से क्षेत्र में इस तरह के प्रयासों से जहां सामुदायिक वन तैयार किये जा सकेंगे वहीं इस क्षेत्र में फल, पुष्प व चारा प्रजाति के पौधारोपण से आने वाले समय में इस क्षेत्र के पर्यावरणीय संतुलन को बेहतर करने का काम किया जायेगा। समिति की कोशिश रहेगी कि समय समय पर इस तरह के आयोजन किये जाये ताकि सामुदायिक सहभागिता के तहत चीजों को बेहतर किया जा सके।
इस अवसर पर अज़ीम प्रेमजी फाण्डेशन के जगमोहन चोपता ने बताया कि सामुदायकि सहभागिता के तरह पौधारोपण का यह प्रर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन की शुरूआत है। विभिन्न प्रजातियों के 200 पौधों को लगाने का यह काम आज पूरा हुआ है लेकिन इन पौधों की देखभाल और इनको वृक्ष बनने की यात्रा तक पालने पोसने की बड़ी जिम्मेदारी हम सभी की है।
ग्राम प्रधान पृथ्वी सिंह नेगी ने बताया कि इस प्रयास में वन पंचायत, महिला मंगल दल, युवक मंगल दल व कड़ाकोट विकास समिति के साझा प्रयासों से इसको किया गया है। इस तरह के प्रयास से क्षेत्र में सौहार्द और बेहतरी होगी। सामुदायिक भागीदारी के तहत दुर्गा वन वाटिका, छाम क्षेत्र व मल्लबेड़ी क्षेत्र में विभिन्न प्रजाति के वृक्षों की पौधों का रोपण किया गया।
कार्यक्रम में समाजसेवी गंभीर सिंह फरस्वाण ने कहा कि हर साल रूद्राक्ष वाटिका में रूद्राक्ष और चंदन के वृक्षों का रोपण किया जायेगा जिससे यह क्षेत्र रूद्राक्ष और चंदन के लिये प्रसिद्ध हो पाये। इसके लिये चयनित जगह को लगातार देखरेख की जायेगी।
इस अवसर पर धनसिंह गरिया, जगमोहन चोपता, सुरजीत नेगी, पृथ्वी नेगी, गंभीर सिंह फरस्वाण, सरोप सिंह सिनवाल, अवतार सिंह सिनवाल, रौतेला, सोबन सिंह रावत, भाष्करानंद सती, बीरबल सिंह रावत, यदुवीर सिंह रावत, बलबीर सिंह नेगी, गब्बर सिंह, सोबन सिंह, मोहन सिंह नेगी, प्रभात रावत, आशा देवी, प्रेमा देवी, अनीता देवी, देवेश्वरी देवी, चंदा देवी, कुंवारी देवी, सुला देवी, राखी देवी आदि सहित 120 ग्रामीणों ने पौधारोपण किया।