उत्तराखंड की नई खेल नीति पर लगी कैबिनेट की मुहर, युवा मुख्यमंत्री धामी ने लागू की नई खेल नीति–

by | Nov 24, 2021 | राजकाज | 0 comments

   –हर साल प्रदेशभर के 2600 खिलाड़ियों को प्रतिमाह मिलेगी 2-2 हजार रुपये की छात्रवृत्ति–

देहरादून। उत्तराखंड राज्य की नई खेल नीति पर कैबिनेट की मुहर लग गई है। नई खेल नीति में खेल एवं खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को तलाशने के साथ ही खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इससे पूर्व मुख्यसेवक के रूप में जिम्मेदारी लेते ही खेल और खिलाड़ियों की सुविधाओं को प्राथमिकता से अपने एजेंडे में शामिल किया था। खेल नीति लागू होने के साथ ही प्रदेश के खिलाड़िया को राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा। इसके तहत प्रत्येक वर्ष प्रदेशभर के 2600 खिलाड़ियों को प्रतिमाह दो-दो हजार रुपये छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने कई बार सार्वजनिक सभाओं में कहा था कि खिलाड़ियों को जब तक सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तब तक कैसे वे बेहतर प्रदर्शन करेंगे।  इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए नई खेल नीति को लागू करने की कवायद शुरू की गई और महज चार महीने में ही नई खेल नीति तैयार कर लागू भी कर दी गई।
 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि आगामी ओलंम्पिक में नई खेल नीति उत्तराखंड के खिलाड़ियों का गोल्ड मेडल का सफर तय करेगी। नई खेल नीति में खिलाड़ियों की फिटनेस, जनरल डाइट के साथ-साथ एक्स्ट्रा, न्यूट्रिएंट्स, फूल डाइट की व्यवस्था भी रखी गई है। इतना ही नहीं प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए रोजगार के अवसर और इससे सम्बंधित सुविधाएं देने का प्रावधान इस नई नीति में किया गया है। मुख्यमंत्री के घोषणा अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं में नेशनल-इंटरनेशनल लेवल की स्किल डेवलपमेंट करने हेतु आर्थिक प्रोत्साहन देने की भी व्यवस्था की गई है।
वहीं खेल मंत्री अरविन्द पाण्डेय का कहना है कि ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ प्रदेश में खेल संस्कृति के विकास व उन्नयन हेतु उत्कृष्ट एवं प्रभावी है। वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक कल्चर से प्रभावित बच्चों और युवाओं को पुनः खेलों के प्रति प्रेरित कर प्ले फील्ड कल्चर की ओर अग्रसर किया जा सकेगा।
गौरतलब है कि युवा मुख्यमंत्री धामी उत्तराखंड के युवाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटे हैं। इससे पूर्व खेल अवस्थापन सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रदेश में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, हर ज़िला मुख्यालय पर “खेलो इंडिया” स्तर  की सुविधा और हर ग्राम पंचायत में ओपन जिम विकसित करने की ओर प्रयास कर रहे हैं । इसके अलावा अलिम्पियन वंदना कटारिया, पेरालम्पियन मनोज सरकार समेत कई खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। खिलाड़ियों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने के साथ ही आठ साल की उम्र से ही खिलाड़ियों की पहचान के लिए फिजिकल एंड स्पोर्ट्स एप्टीट्यूड टेस्ट भी लागू किया जाएगा। 

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