बंड क्षेत्र में पशु चिकित्सालय नहीं होने से पशुपालक परेशान–
पीपलकोटी। सरकारें आई और गई, पर बंड क्षेत्र में आज तक एक अदद पशु चिकित्सालय की स्थापना नहीं हो पाई है। पिछले कई वर्षों से स्थानीय जनप्रतिनिधि और ग्रामीण पशुचिकित्सालय स्थापित करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की मांग अभी तक भी पूरी होती नहीं दिख रही है। पीपलकोटी क्षेत्र में ३५ से अधिक गांव हैं। यहां के लोगों की आजीविका पशुपालन है। लेकिन यहां पर पशुचिकित्सालय नहीं होने से लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पशुओं के बीमार होने पर उन्हें चमोली या जोशीमठ जाना पड़ता है। जिसमें उनका समय और पैसा भी बर्बाद होता है। कई बार दूरस्थ गांव में तो इलाज के अभाव में पशुओं की मौत भी हो जाती है। सरकार पशुपालन पर काफी जोर दे रही है। लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन पशुचिकित्सालय नहीं होने से ग्रामीणों को सरकार की योजनाओं की पर्याप्त जानकारी नहीं मिल पाती है।
स्थानीय लोग लंबे समय से क्षेत्र में एक पशुचिकित्सालय खोलने की मांग कर रहे हैं, ताकि बीमार होने पर पशुओं का समय पर उपचार कराया जा सके। इसको लेकर शासन के निर्देश पर पशुपालन विभाग की ओर से शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। लेकिन यह प्रस्ताव आज भी शासन में धूल फांक रहा है। सरकार की उदासीनता के चलते पशुपालक आज भी यहां चिकित्सालय का इंतजार कर रहे हैं। २०१९ में क्षेत्रीय विधायक महेंद्र भट्ट ने विधानसभा में इस पशुचिकित्सालय के संबंध में प्रश्न लगाया था। जिसपर पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने बंड क्षेत्र में जल्द पशुचिकित्सालय खोलने का आश्वासन दिया था। लेकिन विधानसभा में मिले आश्वासन के बाद भी यहां पर पशु चिकित्सालय खोलने का काम आगे नहीं बढ़ पाया। जिसके चलते क्षेत्र के बिरही, हाटा, जौंसाल, बाटुला, गुनियाला, बजनी, बेमरू, टंगड़ी, पोखनी, लांजी, झड़ेता, किरूली सहित अन्य गांव के पशुपालन आज भी परेशानी झेल रहे हैं।