–मनरेगा कर्मियों की हड़ताल के चलते गांव में विकास कार्य रुके–
गोपेश्वर। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक दिसंबर से हड़ताल पर चल रहे मनरेगा कर्मियों ने अपनी न्यायोचित मांगों पर कोई कार्रवाई न होने पर निर्णायक आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है। उन्होंने मांगों पर अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर सख्त नाराजगी जताई है। मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जल्द मांगों पर उचित कार्रवाई की मांग की है। साथ ही ऐसा नहीं करने पर उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है।
मनरेगा कर्मचारियों की ओर से जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें उन्होंने हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड वेतन देने, ८४ दिनों की हड़ताल के दौरान का भुगतान करने, कोविड के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देने के चलते कोरोना वरियर घोषित कर प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है।
मनरेगा कर्मियों का कहना है कि करीब १५ सालों से बहुत ही कम वेतन पर काम कर रहे हैं। जिससे वह आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। लगातार सरकार से मांग करने के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। एक दिसंबर से मनरेगा कर्मियों की हड़ताल के चलते जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा से संबंधित सभी तरह के विकास कार्य रुक गए हैं। ज्ञापन भेजने वालों में जेपी तिवारी अध्यक्ष मनरेगा कर्मचारी जेई संवर्ग, बलदेव सिंह झिंक्वाण अध्यक्ष ग्राम रोजगार सेवाक चमोली, ब्लॉक अध्यक्ष कर्मवरी नेगी, सलाकार अनूप कुमार, जेई कुलदीप मलारी, अनिल तोपाल, रणवीर असवाल, अरुण बिष्ट, देवेंद्र बिष्ट, संदीप पुरोहित, हीरा सिंह, ताजवर सिंह व मनोज रावत सहित अन्य कर्मचारी शामिल रहे। मनरेगा कर्मचारियों की मांगों पर कोई कार्रवाई न होने से कमियों में निराशा है। कहा गया कि लगातार सरकार से मांग करने के बावजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।