जो लिपटा था शहीदों से कफन, वही याद आता है…

by | Dec 14, 2021 | चमोली, साहित्य | 0 comments

गोपेश्वर में देशभक्ति के रंग में रंगा बुलंदी संस्था का कवि महोत्सव–  

गोपेश्वर। नगर पालिका सभागार में बुलंदी संस्था की ओर से आयोजित कवि महोत्सव में विभिन्न जगहों से पहुंचे कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से महोत्सव को देशभक्ति के रंग रंगा दिया। रुद्रपुर के प्रख्यात कवि नवीन आर्य ने हुआ बारुद से छलनी वही वतन याद आता है, जो लिपटा था शहीदों से कफन वही याद आता है का व्याख्यान किया, तो विवेक बादल बाजपुरी ने जवानी हम लुटा देंगे सुनो इस देश की खातिर, मगर तिरंगे को झुकने नहीं देंगे जैसी कविताओं से सभी में देशभक्ति का जज्बा पैदा कर दिया। महोत्सव में करीब 85 कवियों ने कविता पाठ किया। जिसमें देश भक्ति, सामाजिक बुराई, सौंदर्य, प्रेम, महिला सशक्तिकरण आदि विषयों पर कविताएं पढ़ी गई। संस्था की चमोली प्रभारी युवा कवियत्री गीता मैंदोली ने आधुनिक युग में अब कलयुग का कहर है… कविता से बदलते रिश्तों के बारे में बताया। गीता मैंदोली ने कहा कि संस्था का उद्देश्य नवोदित कवियों के साथ ही अन्य उन कवियों को मंच प्रदान करना है जिनको मंच नहीं मिल पाता है। कहा कि गोपेश्वर कवि महोत्सव का आयोजन हर साल किया जाएगा। साथ ही भविष्य में गोपेश्वर में गढ़वाल का सबसे बड़ा कवि सम्मेलन किया जाएगा। जिसमें एक से बढक़र एक कवि प्रतिभाग करेंगे। इस दौरान गणमंग थिएटर को सम्मानित भी किया गया। कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि पीजी कॉलेज गोपेश्वर के प्रो. वीसीएस नेगी, नमामि गंगे के प्रभारी विशिष्ठ अतिथि देवेंद्र दानू सहित युवा और वरिष्ठ कवि उपस्थित रहे। बुलंदी संस्था ने कवि सम्मेलन में रिकार्ड बनाया है। संस्था की ओर से जुलाई महीने में ऑनलाइन कवि सम्मेलन किया गया था। जो 207 घंटे चला था, जिसके बाद इसे इंडिया वर्ड रिकार्ड में दर्ज कर दिया गया था। 

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