उत्पादों के सैंपल एकत्रित के लिए ट्राइफेड की ओर से की गई कार्यशाला–
गोपेश्वर। ट्राइफेड संगठन द्वारा बुधवार को विकास खंड सभागार में एनआरएलएम समूहों के पंजीकृत जनजातीय समूहों की कार्यशाला आयोजित की गई। जनजातीय समूहों के उत्पादों के सैंपल एकत्रित करने के लिए आयोजित कार्यशाला में जनजातीय समूहों को उनके उत्पादों के विपणन के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
ट्राइफेड के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून से आए मार्केटिंग अधिकारी चमल लाल और उप प्रबंधक भोला शंकर बताया कि ट्राइफेड राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन है। यह संगठन जनजातीय मंत्रालय के अधीन आता है। संगठन के देश में १४५ शोरूम और ५२ हजार वन धन विकास केंद्र हैं। उत्तराखंड में १२ केंद्र संचालित हैं। चमोली जिले के नीती में वन धन विकास केंद्र के लिए १५ लाख रुपये की धनराशि दी गई है। शिल्पकारों के उत्पाद स्थानीय जनधन केंद्र के माध्यम से ट्राइफेड को उपलब्ध कराए जाते हैं। उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग के बाद उनको शोरूमों के माध्यम से बेचा जाता है। इस दौरान क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से जनजातीय उत्पादों के सैंपल लिए गए, कहा कि सैंपल ट्राइफेड की ओर से स्वीकृत होने पर उत्पादों की डिमांड भेजी जाएगी। कार्यशाला में नीती, झेलम, कोषा, मलारी, गमशाली, बाम्पा आदि क्षेत्र की एनआरएलएम से जुड़े समूह की महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस दौरान ऊन उत्पाद जैसे पंखी, शॉल, मफलर, टोपी, स्वाइटर, दोखा, जुराफ, खाद्य उत्पादों में राजमा, फरण, चूली का तेल, काला जीरा, फाफर आटा, ड्राइफू्रूट आदि की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी, जिसे खूब सराहा गया।