जोशीमठ। चमोली जनपद की नीती घाटी 7 फरवरी को ऋषि गंगा की त्रासदी के बाद से अफरा-तफरी में है। ग्रामीण रात को सही ठंग से सो भी नहीं पा रहे हैं। अब जोशीमठ-मलारी हाईवे पर रैणी गांव के समीप सड़क पर दरारें पड़ गई हैं, जिससे कभी भी हाईवे धौली गंगा में समा सकता है। घाटी में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे हाइ्रवे बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। कई जगहों पर भू धंसाव से हाईवे खतरनाक बना हुआ है। प्रशासन को समय रहते घाटी की सुध लेनी चाहिए। 7 फरवरी को ऋषि गंगा की त्रासदी से मलारी हाईवे कई जगहों पर धंस गया था, अब धंसाव तेजी से बढ़ रहा है। बीते मई माह में रैणी गांव के निचले हिस्से में करीब 40 मीटर तक हाईवे बह गया था, जिसके बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से यहां करीब 100 मीटर तक नई सड़क का निर्माण किया था। अब यहां फिर से हाईवे पर भू धंसाव हो रहा है। जिससे नीती घाटी के गांवों के ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मलारी हाईवे पर रैणी गांव के समीप ऋषि गंगा पर बीआरओ की ओर से निर्मित वैली ब्रिज के नीचे भी लगातार नदी से भू कटाव हो रहा है। यदि बारिश इसी तरह होती रही और ऋषि गंगा का जल स्तर बढ़ा तो पुल को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। ग्राम प्रधान लक्ष्मण बुटोला और मलारी गांव के देव सिंह का कहना है कि मलारी हाईवे के ऊपरी हिस्से में चट्टानें और नीचे धौली गंगा बह रही है। तपोवन से रैणी तक हाईवे कई जगहों पर धंस रहा है। कभी भी हाईवे फिर धोखा दे सकता है। इसलिए शासन-प्रशासन को घाटी की सुध लेनी चाहिए।