इस मिट्टी में मिला देना, ..इससे ज्यादा में तेरा हो नहीं सकता, सिर्फ इक बार, मेरी आवाज में आवाज मिलाना, फिर देखना इस शहर में क्या हो नहीं सकता–
गुप्तकाशीः अपने चिर परिचित अंदाज में ददा ने त्रियुगीनारायण की जनता से आशीष और आशीर्वाद मांगा। उन्होंने कहा कि भगवान नारायण की इस पवित्र भूमि में मैं जनता का आशीर्वाद लेने आया हूं, मातृशक्ति, बुजुर्गों और युवा शक्ति को प्रणाम करता हूं। मेरे साथ चल रहे युवाओं को मैं नमन करता हूं। मैं बुजुर्गों, गरीबों, असहायों का सहारा बनना चाहता हूं, नौजवानों की आवाज बनना चाहता हूं, दलितों, वंचितों, शोषितों को इंसाफ दिलाने के लिए इस युद्घ (विधानसभा चुनाव) में उतरा हूं, मैं अपनी मातृशक्ति को ये भरोसा दिलाता हूं कि मैं आपके बच्चों को नशा ने रोजगार बांटूंगा, स्वास्थ्य और शैक्षणिक संस्थानों की लड़ाई लडूंगा।
देवेश नौटियाल शराब और मांस खिलाकर नेता नहीं बना है। देवेश नौटियाल ने छात्र राजनीति में रहकर छात्रों के हितों की लड़ाई लड़ी और अब युवाओं को रोजगार बांटने में लगा हूं। आज डिग्रियां हासिल करने के बाद भी नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है, आज नेता अपनी झोली भरने में लगे हैं, लेकिन त्रियुगीनारायण की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है।
आज उत्तराखंड का पानी दिल्ली के स्विमिंग पूलों में जा रहा है, लेकिन पहाड़ पानी के लिए तरस रहा है। सरकारें भी जनता की पंचायत को भूल सी गई है।
उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में कहा कि–सूरज ने दीपक से पूछा, तेरी औकात कहां तक है, सागर ने नौका से पूछा, तेरा मजझार कहां तक है, हम ऐसे बड़बोले सागर का अपमान बदलने आए हैं, हम तख्त बदलने आए हैं और ताज बदलने आए हैं, हम झूठे और बेमानों का सरताज बदलने आए हैं………
उन्होंने कहा कि त्रियुगीनारायण के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए धरना और प्रदर्शन कर रहे थे और केदारनाथ विधायक उन्हें ढोल और चिमटा बांट रहे हैं। कहा कि काबिल व्यक्ति को अपना समर्थन दें और क्षेत्र के विकास के भागेदार बनें, इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें समर्थन का भरोसा दिलाया।