हेमकुंड साहिब के आस्था पथ पर खुशबू बिखेर रहे ब्रह्मकमल, हेमकुंड में मन-मस्तिष्क को मिल रहा सुकून-

by | Jul 29, 2021 | आस्था, चमोली | 0 comments


मनोज रावत

गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जनपद में सात शिखरों के मध्य स्थित सिखों का प्रसिद्घ तीर्थ स्थान हेमकुंड साहिब में इन दिनों चारों ओर हरियाली छाई हुई है। हेमकुंड साहिब के आस्था पथ पर जगह-जगह उगे ब्रह्मकमल (उत्तराखंड का राज्य पुष्प) अपनी खुसबू बिखेर रहे हैं। काश, हेमकुंड साहिब की यात्रा गतिमान होती तो, तीर्थयात्री भी इस खूबसूरत स्थान का दीदार कर पाते और यहां बिताए पलों को अपने साथ संजोकर रखते। लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण के कारण हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा ठप पड़ी है। जिससे श्रद्घालु यहां पहुंच नहीं पा रहे हैं। हिमालय क्षेत्र में  4632 मीटर (15,200 फुट) की ऊंचाई पर एक बर्फ़ीली झील के किनारे सात पहाड़ों के बीच हेमकुंड साहिब स्थित है। इन सात पहाड़ों पर निशान साहिब झूलते हैं। इस पवित्र स्थल का उल्लेख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में आता है। इन दिनों हेमकुंड साहिब के चारों ओर हरी घास उगी हुई है। चारों ओर बर्फ पिघलकर हरियाली में तब्दील हो गई है। पर्वत चोटियों पर कोहरा और ‌तलहटी में दूर-दूर तक फैली हरी घास से मन और मस्तिष्क को सुकून मिल रहा है। घांघरिया से हेमकुंड साहिब तक छह किलोमीटर आस्था पथ में जगह-जगह ब्रह्म कमल अपनी खुशबू बिखेर रहे हैं। ब्रह्मकमल से घाटी की खूबसूरती और भी बढ़ रही है। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन ‌समिति के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह और उनके साथ दो-तीन सेवादार हेमकुंड साहिब हो आए। उन्होंने यहां व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सरदार सेवा सिंह जी बताते हैं कि हेमकुंड साहिब में सुकून मिल रहा है। यहां बिताया पल-पल अभी भी जेहन में तरो ताजा है। चारधाम यात्रा के साथ ही हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा भी खुल जाती तो धाम में अगाध श्रद्घा रखने वाले श्रद्घालु भी दरवार साहिब के दर्शन कर धन्य हो जाते। उन्होंने कहा कि हेमकुंड साहिब पैदल पथ पर कई जगहों बारिश से नुकसान हुआ है। शासन-प्रशासन से पथ को दुरुस्त करने के लिए कहा गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही समय अनुकूल आएगा और हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पूर्व की भांति संचालित होने लगेगी। 

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