विस्तार से पढ़ें क्या है पूरा मामला–
गोपेश्वरः चैक बाउंस मामले में न्यायाालय ने चमोली के जिला पंचायत उपाध्यक्ष व पंजीकृत ठेकेदार लक्ष्मण सिंह रावत को छह माह के कारावास की सजा सुनाई है। ये सजा दो अलग-अलग मामलों में सुनाई गई है। साथ ही दो लाख 50 हजार 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट जोशीमठ विशाल वशिष्ठ की अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। जिला न्यायालय के अधिवक्ता कुलदीप सिंह नेगी और दिलवर सिंह फरस्वाण ने बताया कि वर्ष 2018-19 में ठेकेदार लक्ष्मण सिंह रावत की ओर से सलूड़ और बौंला मोटर मार्ग का सुधारीकरण कार्य किया जा रहा था। इसके लिए उन्होंने विष्णुगाड स्टोन क्रशर हेलंग के मालिक धर्म सिंह भंडारी से कंकरीट, रेत और डस्ट के साथ ही पोकलैन मशीन किराए पर ली। पोकलैंन मशीन व अन्य सामग्री के भुगतान के लिए लक्ष्मण सिंह द्वारा धर्म सिंह को दो चैक सौंपे गए। जो उन्नीस लाख पचास हजार रुपये और दूसरा आठ लाख रुपये का था। जब धर्म सिंह ने चैक बैंक में लेन-देन के लिए प्रस्तुत किए तो लक्ष्मण सिंह के खाते में रुपये न होने के कारण चैक बाउंस हो गए।
इसके बाद लक्ष्मण सिंह रावत को चैक की धनराशि दिए जाने का नोटिस भेजा गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला और ना ही धनराशि लौटाई गई। जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट जोशीमठ की अदालत में मामला दर्ज किया गया। शुक्रवार को मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट जोशीमठ विशाल वशिष्ठ की अदालत ने ठेकेदार/जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत को दोनों मामलों में दोषी मानते हुए छह-छह माह के कारावास की सजा सुनाई साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया है।