कथावाचक पूज्य गोपालमणि जी महाराज ने कहाः इसी बदरीकाश्रम में हुई श्रीमदभागवत की रचना–
बदरीनाथः गौमाता की सद्प्रेण से भगवान बद्रीनाथ की कृपा से पूज्य गोपाल मणी जी महाराज के मुखारबिंद से आज से श्रीमद्भगवत कथा का कलश यात्रा के साथ सुभारंभ हुआ पूज्य गोपाल मणी जी ने आज प्रवचन करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवत की रचना इसी दिव्य हिमालय में पावन बद्रीनाथ धाम में ही हुई और आज वो दिव्य ग्रंथ पूरे देश और विदेश में गाया जा रहा है पूज्य महाराज जी ने श्री+मद+भागवत का अर्थ करते हुए कथा की श्री गाय ही वेदों में कहा गया है “नमो गोभ्या श्रीमतीभ्या सोरभ्येवभेवच” श्री गाय ही मद कहा घमंड और भागवत का अर्थ भगवान का पूज्य श्री ने कहा कि जिस व्यक्ति को गौमाता का घमंड हो जाता है वह भगवान का हो जाता है यानी श्रीमद्भागवत का सीधा सा फल जो व्यक्ति गौमाता से जुड़ा हुआ है उसे सीधे श्रीमद्भागवत का फल प्राप्त हो जाता है।अंबाला निवासी गोपाल जी द्वारा अपने पितरों के निमित चल रही श्रीमद्भावत कथा में आज पूज्य आचार्य डाo राधेश्याम खंडूरी,आचार्य सोहन मिश्रा, आचार्य राकेश सेमवाल, धर्मानंद बिजलवान आदि सम्मिलित थे।