रंगारंगः गजेंद्र राणा और मीना राणा के गीतों ने बांधा समा–

by | Sep 18, 2022 | चमोली, संस्कृति | 0 comments

चंद्रकुंवर बर्त्वाल मेले की चौथी संध्या में लोक गीतों की प्रस्तुति पर झूमते रहे दर्शक–

पोखरीः हिमवंत कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल खादी ग्रामोद्योग शरदोत्सव मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की चौथी संध्या पर प्रसिद्ध लोक गायक गजेंद्र राणा और मीना राणा के गीतों ने समा बांध दिया। गीतों की शानदार प्रस्तुतियों पर दर्शक जमकर थिरकते रहे।

पोखरी में चल रहे सात दिवसीय शरदोत्सव की चौथी शाम को आयोजित लोक गीतों के कार्यक्रमों की शुरुआत गजेंद्र राणा ने जय हो नंदा देवी तेजी जय बोला गीत से की। उसके बाद उन्होंने माला जपी रात तेजी राजमती, तेरी भैंसी भुखी रमणी लीला घस्यारी, पुष्पा छोरी पौड़ीखाल की, बबली तेरू मोबाइल, मेरी हिरा समधणी आदि गीतों की प्रस्तुति दी। वहीं मीना राणा ने मैं छौं बांद गढ़वालि, प्राणों से प्यारो साइबा मन बसीगे, दिया बोल बलम सहित अन्य गीतों की प्रस्तुति दी। लोक गीतों की धुन पर स्थानीय लोग खासकर युवा जमकर थिरकते रहे। दोनों लोक गायकों ने अपने गीतों से लोगों को देर रात तक बांधे रखा।

इस दौरान मेला अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद पंत ने कहा कि इन कलाकारों की बदौलत हमारी संस्कृति न सिर्फ जिंदा है बल्कि देश विदेश में उसका प्रसार हो रहा है। इनके सुंदर गीतों ने मेले की रौनक बढ़ा दी है।

सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि व्यापार संघ अध्यक्ष बीरेंद्र राणा, विशिष्ट अतिथि बगथल के प्रधान ललित मिश्रा, जीतेंद्र सती, रमेश चौधरी, महेंद्र प्रकाश सेमवाल, वीरेंद्र राणा, मयंक पंत, हर्षवर्धन थपलियाल आदि मौजूद रहे।

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