परियोजना प्रभावितों में खुशी की लहर, न्यायालय से लगाई गांव को दोबारा स्थापित करने के लिए की गुहार–
पीपलकोटीः उच्च न्यायालय नैनीताल में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने चमोली जनपद के हाट गांव में स्थित प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर के सौ मीटर के दायरे में जल विद्युत परियोजना का मक डंपिंग जोन को रोकने के आदेश परियोजना की कार्यदायी संस्था टीएचडीसी को दिए हैं।
ग्राम सभा हाट द्वारा जनहित याचिका डंपिंग जोन को हटाने व हाट गांव को दोबारा मूल स्थान पर पुनर्वास करने के लिए दायर की थी। विदित हो कि ग्राम सभा हाट आठवीं सदी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा बसाया गया था। गांव में स्थित प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर के साथ ही अन्य मंदिर समूह स्वयंं आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किए गए थे।
इस 1000 साल पुरानी सांस्कृतिक धरोहर को बर्बाद होने से रोकने के लिए ग्रामीण शुरुआत से ही परियोजना का विरोध करते आ रहे हैं। ग्राम सभा हाट के ग्राम प्रधान राजेंद्र हटवाल की ओर से दायर याचिका की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ कर रहे हैं।
न्यायालय के इस आदेश से ग्रामीणों में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में निर्माणाधीन परियोजना की निर्मात्री कंपनी टीएचडीसी का तानाशाह रवैया है। ग्रामीणों से जबरन उनके घर खाली करवाए गए और उन्हें बेघर किया गया।