अन्नकूट के पावन पर्व पर हुए कपाट बंद, अब मुखबा में होगी मां गंगा की पूजा अर्चना–
उत्तरकाशीः बुधवार को विधि-विधान से गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। मां गंगा की भोगमूर्ति सेना के बैंड और पारंपरिक ढोल-दमाऊं की अगुवाई में मुखबा के लिए रवाना हुई। बुधवार को मां गंगा की डोली रात्रि प्रवास के लिए मार्कंडेय पुरी स्थित चंडी देवी के मंदिर में पहुंचेगी और बृहस्पतिवार को गंगा जी की भोगमूर्ति मुखबा स्थित गंगा मंदिर में स्थापित कर दी जाएगी।
कपाट बंद होने के दौरान हजारों तीर्थयात्रियों ने मां गंगा की पूजा-अर्चना की। अन्नकूट के पावन पर्व पर गंगोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार व विशेष पूजा अर्चना के बाद विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने से पूर्व विशेष पूजा अर्चना के साथ गंगा सहस्त्रनाम पाठ किया गया।
मंदिर समिति के पदाधिकारी व तीर्थ पुरोहित हरीश सेमवाल, सुरेश सेमवाल, महेश सेमवाल, मुकेश सेमवाल, संजीव सेमवाल, पवन सेमवाल आदि ने यहां गंगा जी की भोग मूर्ति का शृंगार किया। शुभ मुहूर्त पर दोपहर में 12.01 बजे मंदिर के भीतर अखंड ज्योति के साथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए
कपाट बंदी के दौरान मंदिर समिति के सभी पदाधिकारियों व तीर्थ पुरोहितों के साथ ही गंगोत्री विधाायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, उत्तरकाशी पालिका अध्यक्ष रमेश सेमवाल, एसडीएम सीएस चौहान, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल, थानाध्यक्ष हर्षिल दिलामोहन आदि मौजूद रहे।
इस वर्ष 6 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने गंगोत्री धाम के दर्शन किए। जबकि यमुनोत्री धाम में 485635 तीर्थ यात्रों दर्शनों के लिए पहुंचे। दोनों धामों में कुल 1110086 तीर्थ यात्री पहुंचे।